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मंगलवार, 27 नवंबर 2018

परमेश्वर का अनुसरण करने और लोगों का अनुसरण करने में अंतर

   
अनुसरण करना, परमेश्वर, सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचन,

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:

परमेश्वर का अनुसरण करने में प्रमुख महत्व इस बात का है कि हर चीज परमेश्वर के वास्तविक वचनों के अनुसार होनी चाहिए: चाहे तुम जीवन में प्रवेश कर रहे हो या परमेश्वर की इच्छा की पूर्ति, सब कुछ परमेश्वर के वास्तविक वचनों के आस-पास ही केंद्रित होना चाहिए। यदि तुम्हारा समागम और अनुसरण परमेश्वर के वास्तविक शब्दों के आसपास केंद्रित नहीं होते हैं, तो तुम परमेश्वर के शब्दों के लिए एक अजनबी हो, और पवित्र आत्मा के कार्य से पूरी तरह से वंचित हो।
"वचन देह में प्रकट होता है" से "परमेश्वर के सबसे नए कार्य को जानो और परमेश्वर के चरण-चिन्हों का अनुसरण करो" से
कुछ आवेगशीलता से विश्वास करते हैं कि जहां पवित्र आत्मा का कार्य है, वहीं परमेश्वर का प्रकटन है। अन्यथा उनका यह मानना है कि जहां आध्यात्मिक मूर्तियां हैं, वहीं परमेश्वर का प्रकटन है। अन्यथा उनका यह मानना है कि जहां लोगों को अच्छी पहचान है, वहाँ परमेश्वर का प्रकट होना है। अभी के लिए, हम विचार विमर्श नहीं करते हैं कि ये मान्यताएं सही हैं या गलत हैं। इस तरह के प्रश्न की व्याख्या करने के लिए, हमारा पहले एक उद्देश्य के विषय में स्पष्ट होना अनिवार्य हैः हम परमेश्वर के पदचिन्हों को खोज रहे हैं। हम आध्यात्मिक व्यक्तियों को नहीं खोज रहे हैं, प्रसिद्ध मूर्तियों का अनुसरण तो बिल्कुल नहीं कर रहे हैं; हम परमेश्वर के पदचिन्हों का अनुसरण कर रहे हैं।

रविवार, 30 सितंबर 2018

2. परमेश्वर के द्वारा उपयोग में लाये गए लोगों के कार्य और धार्मिक नेताओं के काम के बीच क्या अंतर है?


संदर्भ के लिए बाइबल के पद:

"तब यहोवा ने कहा, '… परन्तु मेरा दास मूसा ऐसा नहीं है; वह तो मेरे सब घरानों में विश्‍वासयोग्य है'" (गिनती 12:6-7)।
"हाय इस्राएल के चरवाहों पर जो अपने अपने पेट भरते हैं! क्या चरवाहों को भेड़-बकरियों का पेट न भरना चाहिए? तुम लोग चर्बी खाते, ऊन पहिनते और मोटे मोटे पशुओं को काटते हो; परन्तु भेड़-बकरियों को तुम नहीं चराते। तुम ने बीमारों को बलवान न किया, न रोगियों को चंगा किया, न घायलों के घावों को बाँधा, न निकाली हुई को लौटा लाए, न खोई हुई को खोजा, परन्तु तुम ने बल और जबरदस्ती से अधिकार चलाया है। वे चरवाहे के न होने के कारण तितर-बितर हुईं; और सब वनपशुओं का आहार हो गईं। मेरी भेड़-बकरियाँ तितर-बितर हुई हैं; वे सारे पहाड़ों और ऊँचे ऊँचे टीलों पर भटकती थीं; मेरी भेड़-बकरियाँ सारी पृथ्वी के ऊपर तितर-बितर हुईं; और न तो कोई उनकी सुधि लेता था, न कोई उनको ढूँढ़ता था" (यहेजकेल 34:2-6)।

शनिवार, 8 सितंबर 2018

3. परमेश्वर के कार्य के तीन चरणों के बीच सभी का पारस्परिक संबंध।

3. परमेश्वर के कार्य के तीन चरणों के बीच सभी का पारस्परिक संबंध।

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:

यहोवा के कार्य से ले कर यीशु के कार्य तक, और यीशु के कार्य से लेकर इस वर्तमान चरण तक, ये तीन चरण परमेश्वर के प्रबंधन की पूर्ण परिसीमा को आवृत करते हैं, और यह समस्त एक ही पवित्रात्मा का कार्य है। जब से उसने दुनिया बनाई, तब से परमेश्वर हमेशा मानव जाति का प्रबंधन करता आ रहा है। वही आरंभ और अंत है, वही प्रथम और अंतिम है, और वही एक है जो युग का आरंभ करता है और वही युग का अंत करता है। कार्य के तीन चरण, विभिन्न युगों और विभिन्न स्थानों में, निश्चित रूप से एक ही पवित्रात्मा द्वारा किए जाते हैं। वे सभी जो इन तीन चरणों को पृथक करते हैं, परमेश्वर का विरोध करते हैं।
"वचन देह में प्रकट होता है" से "परमेश्वर के कार्य का दर्शन (3)" से

शुक्रवार, 31 अगस्त 2018

4. अंतिम दिनों में अपने न्याय के कार्य को करने के लिए परमेश्वर मनुष्य का उपयोग क्यों नहीं करता, इसके बजाय उसे देह-धारण कर, स्वयं इसे क्यों करना पड़ता है?



4. अंतिम दिनों में अपने न्याय के कार्य को करने के लिए परमेश्वर मनुष्य का उपयोग क्यों नहीं करता, इसके बजाय उसे देह-धारण कर, स्वयं इसे क्यों करना पड़ता है?

संदर्भ के लिए बाइबल के पद:

"जैसा पिता मरे हुओं को उठाता और जिलाता है, वैसा ही पुत्र भी जिन्हें चाहता है उन्हें जिलाता है" (युहन्ना 5:22)।

गुरुवार, 30 अगस्त 2018

3. देह-धारी परमेश्वर के कार्य और आत्मा के कार्य के बीच क्या अंतर है?

3. देह-धारी परमेश्वर के कार्य और आत्मा के कार्य के बीच क्या अंतर है?

संदर्भ के लिए बाइबल के पद:

"मूसा ने कहा, "मुझे अपना तेज दिखा दे। उसने कहा, … तू मेरे मुख का दर्शन नहीं कर सकता; क्योंकि मनुष्य मेरे मुख का दर्शन करके जीवित नहीं रह सकता" (निर्गमन 33:18-20).
"और यहोवा सीनै पर्वत की चोटी पर उतरा; और मूसा को पर्वत की चोटी पर बुलाया, और मूसा ऊपर चढ़ गया। तब यहोवा ने मूसा से कहा, "नीचे उतर के लोगों को चेतावनी दे, कहीं ऐसा न हो कि वे बाड़ा तोड़ के यहोवा के पास देखने को घुसें, और उनमें से बहुत से नष्‍ट हो जाएँ" (निर्गमन 19:20-21)।

बुधवार, 29 अगस्त 2018

1. प्रभु यीशु ने स्वयं भविष्यवाणी की थी कि परमेश्वर आखिरी दिनों में देहधारण करेगा और कार्य करने के लिए मनुष्य के पुत्र के रूप में प्रकट होगा।



1. प्रभु यीशु ने स्वयं भविष्यवाणी की थी कि परमेश्वर आखिरी दिनों में देहधारण करेगा और कार्य करने के लिए मनुष्य के पुत्र के रूप में प्रकट होगा।
संदर्भ के लिए बाइबल के पद:

"तुम भी तैयार रहो; क्योंकि जिस घड़ी तुम सोचते भी नहीं, उसी घड़ी मनुष्य का पुत्र आ जाएगा" (लूका 12:40)।
"क्योंकि जैसे बिजली आकाश के एक छोर से कौंध कर आकाश के दूसरे छोर तक चमकती है, वैसे ही मनुष्य का पुत्र भी अपने दिन में प्रगट होगा। परन्तु पहले अवश्य है कि वह बहुत दु:ख उठाए, और इस युग के लोग उसे तुच्छ ठहराएँ" (लूका 17:24-25)।

रविवार, 5 अगस्त 2018

परमेश्वर का प्रेम हमें करीब लाता है


परमेश्वर का प्रेम हमें करीब लाता है

हालांकि अनगिनत समुद्र और पहाड़ों से जुदा हैं,
हम हैं एक लोग, हमारे बीच नहीं कोई सीमा,
भले ही विभिन्न रंग की त्वचा है, विभिन्न भाषाएं बोलते हैं।
क्योंकि सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचन बुलाते हैं हमें,
परमेश्वर के सिंहासन के सामने हमें लाया गया है।

शनिवार, 4 अगस्त 2018

"बदलाव की घड़ी" (1) - बुदिमान कुंवारियां किस प्रकार स्वर्गारोहित होती हैं?


"बदलाव की घड़ी" (1) - बुदिमान कुंवारियां किस प्रकार स्वर्गारोहित होती हैं?

 कुछ लोग स्वर्ग के राज्य में आरोहित होने के लिए प्रभु की प्रतीक्षा करने के मामले पर पौलुस के कथन पर चलते हैं: "और यह क्षण भर में, पलक मारते ही अन्तिम तुरही फूँकते ही होगा, क्योंकि तुरही फूँकी जाएगी और मुर्दे अविनाशी दशा में उठाये जाएँगे, और हम बदल जाएँगे।" (1 कुरिन्थियों 15:52)। वे मानते हैं कि हालांकि पापी प्रवृत्ति के बंधन को तोड़े बिना हम अब भी निरंतर पाप करते रहते हैं, फिर भी प्रभु अपने आने पर हमारी छवियों को उसी पल बदल कर हमें स्वर्ग के राज्य में ले आयेंगे। और ऐसे लोग भी हैं, जो परमेश्वर के वचन पर चलते हैं: “जो मुझ से, 'हे प्रभु! हे प्रभु!' कहता है, उनमें से हर एक स्वर्ग के राज्य में प्रवेश न करेगा, परन्तु वही जो मेरे स्वर्गीय पिता की इच्छा पर चलता है।" (मत्ती 7:21)।"...

सोमवार, 2 जुलाई 2018

परमेश्वर चाहता है इंसानियत जीती रहे




परमेश्वर चाहता है इंसानियत जीती रहे

जब इंसानियत मैल से भरी थी, कुछ हद तक नाफ़र्मानी करती थी,
तो अपने उसूलों और सार की ख़ातिर परमेश्वर को उसे तबाह करना पड़ा।
इंसानों केविद्रोहकी वजह से परमेश्वर को उनसे नफ़रत थी।
मगर उनकी तबाही के बावजूद,
उसका दिल ना बदला, उसकी दया बनी रही।
परमेश्वर को इंसान से हमदर्दी थी,
वो हर तरह से उसका उद्धार करना चाहता था।

रविवार, 1 जुलाई 2018

एक उड़ाऊपुत्र की वापसी

एक उड़ाऊपुत्र की वापसी

वांग सिन हार्बिन शहर


1999 में, मैं कलीसिया के कार्य की आवश्यकताओं के कारण एक अग्रणी बन गया। हालांकि शुरुआत में मुझे गहराई से महसूस हुआ कि मैं कार्य के योग्य नहीं था, कुछ समय बाद मेरे अभिमान और आत्म तुष्ट स्वभाव के कारण, मेरी प्रारंभिक सावधानी धीरे-धीरे स्वयं को उत्कर्षित करने और अपने बारे में गवाही देने में बदल गयी। मैं भोजन, कपड़े और मौज-मस्ती में लगा रहता था, और लालची बनकर अपनी हैसियत के मज़े ले रहा था। मैं परमेश्वर के साथ एक समान स्तर पर भी होना चाहता था। अंततः मुझे निकाल दिया और घर भेजा दिया गया। उसके बाद ही मैं जागरूक हुआ और मुझे एहसास हुआ कि "प्रतिष्ठा" ने मुझसे परमेश्वर और सच्चाई दोनों को छुड़वा दिया था; "प्रतिष्ठा" ने मुझसे अपना व्यक्तिगत राज्य स्थापित करवा दिया था; "प्रतिष्ठा" ने मुझे एक ईसा विरोधी में बदल दिया था; "प्रतिष्ठा" ने मुझे मृत्यु के मार्ग की ओर भेज दिया था। तब मुझे पता चला कि मैं सही मार्ग से बहुत दूर भटक गया था और बहुत गहरा गिर चुका था।

बुधवार, 27 जून 2018

ईश्वर का संरक्षण सदा मानवजाति के लिए है




ईश्वर का संरक्षण सदा मानवजाति के लिए है


देखते हैं ईश्वर अपनी सृष्टि, हैं देखते, दिन-प्रतिदिन, निहारते। विनय से छिप कर वे, मानव-जीवन परखते, इंसाँ के हर काम देखते। कौन हैं जो सच में प्रभु को समर्पित हुए? किसी ने किया कभी सच्चाई की साधना? किसने माना प्रभु को ह्रदय से, वादे निभाए और, कर्तव्य पूरे किये? किसने बसाया प्रभु को कभी अपने ह्रदय में? किसने प्रभु को अपने प्राणों सा प्यारा माना? किसने देखा उनके दिव्य पूर्ण रूप को, और ईश्वर को छूना चाहा?

मंगलवार, 26 जून 2018

परमेश्‍वर के आशीष




लोग अक्सर कहते हैं कि ‘‘तूफान बिना चेतावनी के आते हैं और दुर्भाग्य रातों-रात मनुष्य को तबाह कर देता है।’’
हमारे वर्तमान युग में जब विज्ञान, आधुनिक परिवहन और भौतिक सम्पत्ति का तेजी से विस्तार कर रहा है, हमारे चारों ओर हो रही आपदाएं भी दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैं। जब हम समाचार पत्र को खोलते हैं या टीवी को चालू करते हैं, तो मुख्यतौर पर हमें: युद्ध, भूकंप, सुनामी, तूफान, आग, बाढ़, हवाई दुर्घटना, खदान दुर्घटनाएं, सामाजिक अशांति, हिंसक संघर्ष, आतंकवादी हमले आदि देखने को मिलते हैं। हम प्राकृतिक प्रकोप और मानव-निर्मित आपदाओं को देखते हैं। ये आपदाएं अक्सर होती रहती हैं और तेजी से तीव्र होती जा रही हैं। आपदा के यह हमले अपने साथ, पीड़ा, रक्त, अपंगता और मौत लेकर आते हैं। जीवन की अल्‍पता और दुर्बलता पर जोर देते हुए, दुर्भाग्य हर समय हमारे आसपास घटित होते रहते हैं। भविष्य में हमें किस तरह की आपदाओं का सामना करना पड़ेगा, इसका अनुमान लगाने का कोई तरीका नहीं है। इसके अलावा, हम यह भी नहीं जानते कि हमें किस प्रकार की कार्रवाई करनी चाहिए। मानवता के सदस्य के रूप में, इन आपदाओं से मुक्त होने के लिए हमें क्या करना चाहिए? इस कार्यक्रम में, आपको उत्तर मिल जायेगा। आपको परमेश्वर का बचाव प्राप्त करने का एकमात्र मार्ग मिल जायेगा जिससे कि आप आसन्‍न आपदाओं से बच सकें।

मंगलवार, 19 जून 2018

सहस्राब्दि राज्य आ चुका है' के बारे में एक संक्षिप्त वार्ता


सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन:"'सहस्राब्दि राज्य आ चुका है' के बारे में एक संक्षिप्त वार्ता"


     सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "सहस्राब्दि राज्य के युग के दौरान, लोग पहले से ही पूर्ण बनाए जा चुके होंगे और उनके भीतर के भ्रष्ट स्वभाव को शुद्ध किया जा चुका होगा। उस समय, परमेश्वर के द्वारा कहे गए वचन क़दम-दर-क़दम लोगों का मार्गदर्शन करेंगे, और सृजन के समय से लेकर आज तक परमेश्वर के कार्य के सभी रहस्यों को प्रकाशित करेंगे, और उसके वचन प्रत्येक युग और प्रत्येक दिन परमेश्वर के कार्यों के बारे में लोगों को बताएँगे, बताएँगे कि कैसे वह भीतर उनका मार्गदर्शन करता है, उस कार्य के बारे में बताएँगे जो वह आध्यात्मिक क्षेत्र में करता है, और मनुष्य को आध्यात्मिक आयाम की गतिशीलता के बारे में बताएँगे। केवल तभी यह सचमुच में वचन का युग होगा; अभी यह केवल एक सूक्ष्म जगत है।" 

सर्वशक्तिमान का आह भरना


सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "सर्वशक्तिमान का आह भरना” | God's Waiting of love

    सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "मनुष्य, जिन्होंने सर्वशक्तिमान के जीवन की आपूर्ति को त्याग दिया, नहीं जानते हैं आखिर वे क्यों अस्तित्व में हैं, और फिर भी मृत्यु से डरते रहते हैं। इस दुनिया में, जहां कोई सहारा नहीं है, सहायता नहीं है, वहाँ बहादुरी के साथ, बिन आत्माओं की चेतना के शरीरों में एक अशोभनीय अस्तित्व को दिखाते हुए मनुष्य, अपनी आंखों को बंद करने में, अभी भी अनिच्छुक है। तुम इनके समान जीते हो, आशाहीन; उसका अस्तित्व इसी प्रकार का, बिना किसी लक्ष्य का है।

सोमवार, 18 जून 2018

छुटकारे के युग में कार्य के पीछे की सच्ची कहानी


   मसीह के कथन "छुटकारे के युग में कार्य के पीछे की सच्ची कहानी" | Jesus' Salvation of the Cross(Hindi)


     सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "अनुग्रह के युग में, मनुष्य पहले से ही शैतान की भ्रष्टता से गुज़र चुका था, और इसलिए समस्त मानवजाति को छुटकारा देने के कार्य हेतु, अनुग्रह की भरमार, अनन्त सहनशीलता और धैर्य, और उससे भी बढ़कर, मानवजाति के पापों का प्रयाश्चित करने के लिए पर्याप्त बलिदान की आवश्यकता थी ताकि इसके प्रभाव तक पहुँचा जा सके। अनुग्रह के युग में मानवजाति ने जो देखा वह मानवजाति के पापों के प्रायश्चित के लिए मेरी भेंट मात्र था, अर्
वे केवल इतना ही जानते थे कि परमेश्वर दयावान और सहनशील हो सकता है, और उन्होंने केवल यीशु की दया और करूणामय-प्रेम को देखा था। ऐसा पूरी तरह से इसलिए था क्योंकि वे अनुग्रह के युग में रहते थे। और इसलिए, इससे पहले कि उन्हें छुटकारा दिया जा सके, उन्हें कई प्रकार के अनुग्रह का आनन्द उठाना था जो यीशु ने उन्हें प्रदान किए थे; केवल यही उनके लिए लाभदायक था।

मंगलवार, 12 जून 2018

परमेश्वर के कथन "क्या तुम परमेश्वर के एक सच्चे विश्वासी हो?



     The Word of the Holy Spirit | सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "क्या तुम परमेश्वर के एक सच्चे विश्वासी हो?" (Hindi)
 

     सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "तुम लोग केवल स्वर्ग के अनदेखे परमेश्वर को चाहते हो और भय मानते हो और धरती पर जीते-जागते मसीह के लिए कोई सम्मान नहीं है। क्या यह भी तुम्हारा अविश्वास नहीं है? तुम सब केवल अतीत में कार्य करने वाले परमेश्वर के लिए लालायित रहते हो परन्तु आज के मसीह का सामना तक नहीं करते। ये हमेशा से "विश्वास" है जो तुम्हारे हृदय में घुलमिल जाता है, जो आज के मसीह पर विश्वास नहीं करता।

वह जिसका हर चीज़ पर प्रभुत्व है


     Hindi Christian Documentary "वह जिसका हर चीज़ पर प्रभुत्व है" | Testimony of the Power of God

     पूरे विशाल ब्रह्मांड में सभी आकाशीय पिण्ड सटीक रीति से, अपनी-अपनी कक्षाओं में भ्रमण करते हैं। आकाश के तले, पहाड़ों, नदियों और झीलों की अपनी-अपनी सीमाएं होती हैं, और सभी प्राणी जीवन के नियमों के अनुसार चार मौसमों में रहते हुए प्रजनन करते हैं ..इन सबको अत्यंत विशिष्टता से आकार दिया गया है-क्या कोई शक्तिमान है जो इन सब पर शासन और इनकी व्यवस्था कर रहा है? इस जगत में रोते हुए आने से लेकर, हमने जीवन में अलग-अलग भूमिकाएं निभाई हैं।

शनिवार, 9 जून 2018

एक भटकता हुआ दिल घर वापस आ गया


     God Has Changed My Life | Hindi Christian Video | "एक भटकता हुआ दिल घर वापस आ गया"


     जब वह छोटा था तभी से, नोवो अपनी मां की ही तरह प्रभु यीशु में विश्वास करता था। भले ही वह अक्सर बाइबल पढ़ता था, प्रार्थना करता था, और धर्मोपदेश में शामिल भी होता था, लेकिन वह दुनिया की शैतानी रीति का अनुसरण करने, शरीर के आनंद के लिए जीने, झूठ बोलने और धोखा देने के अलावा कुछ नहीं कर पाता था...।

गुरुवार, 7 जून 2018

भ्रष्ट मनुष्य परमेश्वर का प्रतिनिधित्व करने में अक्षम है


     सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "भ्रष्ट मनुष्य परमेश्वर का प्रतिनिधित्व करने में अक्षम है" 

     सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "शैतान के समस्त कार्य और कर्म मनुष्य में व्यक्त होते हैं। अब मनुष्य के समस्त कार्य और कर्म शैतान की अभिव्यक्ति हैं और इसलिए परमेश्वर का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकते हैं। मनुष्य शैतान का मूर्त रूप है, और मनुष्य का स्वभाव परमेश्वर के स्वभाव का प्रतिनिधित्व करने में असमर्थ है। कुछ मनुष्य अच्छे चरित्र वाले होते हैं; परमेश्वर ऐसे व्यक्तियों के चरित्र के माध्यम से कुछ कार्य कर सकता है और जिस कार्य को वे करते हैं वह पवित्र आत्मा द्वारा निर्देशित होता है।

बुधवार, 6 जून 2018

"वह जिसका हर चीज़ पर प्रभुत्व है" | ब्रह्मांड की खोज


     Hindi Documentary Trailer "वह जिसका हर चीज़ पर प्रभुत्व है" | ब्रह्मांड की खोज

     तारों से भरे इस अंतरिक्ष में, ग्रह टकराते हैं और जटिल प्रक्रियाओं की शृंखला नए ग्रहों को जन्म देती है।... सभी अनगिनत आकाशीय पिंड ब्रह्माण्ड में समरसता में कार्य करते हैं – उन्हें निर्देश कौन देता है? ईसाई संगीतमय वृत्तचित्र—वह जिसका हर चीज़ पर प्रभुत्व है—शीघ्र ही सच्चे तथ्यों को प्रकट करेगा!

सदोम की भ्रष्टताः मुनष्यों को क्रोधित करने वाली, परमेश्वर के कोप को भड़काने वाली

सर्वप्रथम, आओ हम पवित्र शास्त्र के अनेक अंशों को देखें जो "परमेश्वर के द्वारा सदोम के विनाश" की व्याख्या करते हैं। (उत्पत्ति 19...