परमेश्वर चाहता है इंसानियत जीती रहे
जब इंसानियत मैल से भरी थी, कुछ हद तक नाफ़र्मानी करती थी,
तो अपने उसूलों और सार की ख़ातिर परमेश्वर को उसे तबाह करना पड़ा।
इंसानों केविद्रोहकी वजह से परमेश्वर को उनसे नफ़रत थी।
मगर उनकी तबाही के बावजूद,
उसका दिल ना बदला, उसकी दया बनी रही।
परमेश्वर को इंसान से हमदर्दी थी,
वो हर तरह से उसका उद्धार करना चाहता था।