लोग अक्सर कहते हैं कि ‘‘तूफान बिना चेतावनी के आते हैं और दुर्भाग्य रातों-रात मनुष्य को तबाह कर देता है।’’
हमारे वर्तमान युग में जब विज्ञान, आधुनिक परिवहन और भौतिक सम्पत्ति का तेजी से विस्तार कर रहा है, हमारे चारों ओर हो रही आपदाएं भी दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैं। जब हम समाचार पत्र को खोलते हैं या टीवी को चालू करते हैं, तो मुख्यतौर पर हमें: युद्ध, भूकंप, सुनामी, तूफान, आग, बाढ़, हवाई दुर्घटना, खदान दुर्घटनाएं, सामाजिक अशांति, हिंसक संघर्ष, आतंकवादी हमले आदि देखने को मिलते हैं। हम प्राकृतिक प्रकोप और मानव-निर्मित आपदाओं को देखते हैं। ये आपदाएं अक्सर होती रहती हैं और तेजी से तीव्र होती जा रही हैं। आपदा के यह हमले अपने साथ, पीड़ा, रक्त, अपंगता और मौत लेकर आते हैं। जीवन की अल्पता और दुर्बलता पर जोर देते हुए, दुर्भाग्य हर समय हमारे आसपास घटित होते रहते हैं। भविष्य में हमें किस तरह की आपदाओं का सामना करना पड़ेगा, इसका अनुमान लगाने का कोई तरीका नहीं है। इसके अलावा, हम यह भी नहीं जानते कि हमें किस प्रकार की कार्रवाई करनी चाहिए। मानवता के सदस्य के रूप में, इन आपदाओं से मुक्त होने के लिए हमें क्या करना चाहिए? इस कार्यक्रम में, आपको उत्तर मिल जायेगा। आपको परमेश्वर का बचाव प्राप्त करने का एकमात्र मार्ग मिल जायेगा जिससे कि आप आसन्न आपदाओं से बच सकें।
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