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शनिवार, 9 फ़रवरी 2019

1. मानवजाति को परमेश्वर में क्यों विश्वास करना चाहिए?

परमेश्वर के वचन से जवाब:
परमेश्वर ने सभी चीज़ों की सृष्टि की थी, और इस प्रकार वह समूची सृष्टि को अपने प्रभुत्व के अधीन लाता है, और अपने प्रभुत्व के प्रति समर्पित करवाता है; वह सभी चीज़ों को आदेश देगा, ताकि सभी चीज़ें उसके हाथों में हों। परमेश्वर की सारी सृष्टि, जिसमें जानवर, पेड़-पौधे, मानवजाति, पहाड़ एवं नदियां, और झीलें शामिल हैं—सभी को उसके प्रभुत्व के अधीन आना होगा। आकाश एवं धरती पर की सभी चीज़ों को उसके प्रभुत्व के अधीन आना होगा। उनके पास कोई विकल्प नहीं हो सकता है, और उन सब को उसी के आयोजनों के अधीन होना होगा। इसकी आज्ञा परमेश्वर के द्वारा दी गई थी, और यह परमेश्वर का अधिकार है। परमेश्वर सभी चीज़ों को आज्ञा देता है, और प्रत्येक को उसके किस्म के अनुसार वर्गीकृत करके सभी चीजों की पद श्रृंखला का आदेश देता है, और परमेश्वर की इच्छा के अनुसार उनके स्वयं के पद को आबंटित करता है।

गुरुवार, 17 जनवरी 2019

प्रश्न 13: बाइबल कहती है: "क्योंकि धार्मिकता के लिये मन से विश्‍वास किया जाता है, और उद्धार के लिये मुँह से अंगीकार किया जाता है" (रोमियों 10:10)। हम मानते हैं कि प्रभु यीशु ने हमारे पापों को क्षमा कर दिया है और विश्वास के द्वारा हमें धर्मी बना दिया है। इसके अलावा, हम मानते हैं कि अगर किसी को एक बार बचाया जाता है, तो वे हमेशा के लिए बचा लिए जाते हैं, और जब परमेश्वर वापस आएगा तो हम तुरंत स्वर्गारोहण कर जाएँगे और स्वर्ग के राज्य में प्रवेश करेंगे। तो तुम क्यों प्रमाण दे रहे हो कि बचाए जाने और स्वर्ग के राज्य में लाये जाने से पहले हमें आखिरी दिनों के परमेश्वर के न्याय को स्वीकार करना चाहिए?

प्रश्न 13: बाइबल कहती है: "क्योंकि धार्मिकता के लिये मन से विश्‍वास किया जाता है, और उद्धार के लिये मुँह से अंगीकार किया जाता है" (रोमियों 10:10)। हम मानते हैं कि प्रभु यीशु ने हमारे पापों को क्षमा कर दिया है और विश्वास के द्वारा हमें धर्मी बना दिया है। इसके अलावा, हम मानते हैं कि अगर किसी को एक बार बचाया जाता है, तो वे हमेशा के लिए बचा लिए जाते हैं, और जब परमेश्वर वापस आएगा तो हम तुरंत स्वर्गारोहण कर जाएँगे और स्वर्ग के राज्य में प्रवेश करेंगे। तो तुम क्यों प्रमाण दे रहे हो कि बचाए जाने और स्वर्ग के राज्य में लाये जाने से पहले हमें आखिरी दिनों के परमेश्वर के न्याय को स्वीकार करना चाहिए?

उत्तर:
प्रभु के सभी विश्वासियों का मानना है: प्रभु यीशु ने सलीब पर दम तोड़कर हमें मुक्ति दिला दी, तो हम पहले से ही सभी पापों से मुक्त हो चुके हैं। प्रभु अब हमें पापी नहीं मानते। हम अपने विश्वास के ज़रिये धर्मी बन गए हैं। अगर हम अंत तक सहन करते रहे तो हम बचा लिये जाएँगे। जब प्रभु आएँगे तो वे सीधे ही हमें स्वर्ग के राज्य में आरोहित कर देंगे। तो क्या ये वाकई सच है? क्या परमेश्वर ने इस दावे के समर्थन में अपने वचनों में कभी कोई सबूत दिया है? यदि यह दृष्टिकोण सत्य के अनुरूप न हो तो इसके परिणाम क्या होंगे? हम प्रभु के विश्वासियों को हर बात के लिये, अपने आधार के रूप में उनके वचनों का उपयोग करना चाहिए। यह खास तौर से वहाँ ज़्यादा सही है जब सवाल ये आए कि प्रभु की वापसी को किस तरह से लिया जाए।

गुरुवार, 13 दिसंबर 2018

सच्चा स्वर्गारोहण क्या है?


2. सच्चा स्वर्गारोहण क्या है?

संदर्भ के लिए बाइबल के पद:
"आधी रात को धूम मची: 'देखो, दूल्हा आ रहा है! उससे भेंट करने के लिये चलो'" (मत्ती 25:6)।
"देख, मैं द्वार पर खड़ा हुआ खटखटाता हूँ; यदि कोई मेरा शब्द सुनकर द्वार खोलेगा, तो मैं उसके पास भीतर आकर उसके साथ भोजन करूँगा और वह मेरे साथ" (प्रकाशितवाक्य 3:20)।
"यह लिख, कि धन्य वे हैं, जो मेम्ने के विवाह के भोज में बुलाए गए हैं" (प्रकाशितवाक्य 19:9)।
परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
प्रभु यीशु मसीह के करोड़ों अनुयायियों के समान हम बाइबल की व्यवस्थाओं और आज्ञाओं का पालन करते हैं, प्रभु यीशु मसीह के विपुल अनुग्रह का आनंद लेते हैं, और प्रभु यीशु मसीह के नाम पर एक साथ इकट्ठे होते हैं, प्रार्थना, प्रशंसा और सेवा करते हैं-और यह सब हम प्रभु की देखभाल और सुरक्षा के अधीन करते हैं।

मंगलवार, 20 नवंबर 2018

भ्रष्ट मानवजाति को देह धारण किए हुए परमेश्वर के उद्धार की अत्यधिक आवश्यकता है

अध्याय 5 तुम्हें परमेश्वर के देहधारण के बारे में सच्चाईयों को अवश्य जानना चाहिए

4.भ्रष्ट मानवजाति को देह धारण किए हुए परमेश्वर के उद्धार की अत्यधिक आवश्यकता है
(परमेश्वर के वचन का चुना गया अवतरण)
भ्रष्ट मानवजाति को देह धारण किए हुए परमेश्वर के उद्धार की अत्यधिक आवश्यकता है
परमेश्वर ने देहधारण किया क्योंकि शैतान का आत्मा, या कोई अभौतिक चीज़ उसके कार्य का विषय नहीं है, परन्तु मनुष्य है, जो शरीर से बना है और जिसे शैतान के द्वारा भ्रष्ट किया गया है। निश्चित रूप से चूँकि मनुष्य की देह को भ्रष्ट किया गया है इसलिए परमेश्वर ने हाड़-मांस के मनुष्य को अपने कार्य का विषय बनाया है; इसके अतिरिक्त, क्योंकि मनुष्य भ्रष्टता का विषय है, उसने मनुष्य को अपने उद्धार के कार्य के समस्त चरणों के दौरान अपने कार्य का एकमात्र विषय बनाया है। मनुष्य एक नश्वर प्राणी है, और वह हाड़-मांस एवं लहू से बना हुआ है, और एकमात्र परमेश्वर ही है जो मनुष्य को बचा सकता है।

शुक्रवार, 16 नवंबर 2018

बचाए जाने एवं सिद्ध बनाए जाने के लिए तुम्हें परमेश्वर पर किस प्रकार विश्वास करना चाहिए?

अध्याय 4 तुम्हें अंत के दिनों में परमेश्वर के कार्य की सच्चाईयों को अवश्य जानना चाहिए।

5. बचाए जाने एवं सिद्ध बनाए जाने के लिए तुम्हें परमेश्वर पर किस प्रकार विश्वास करना चाहिए?
परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
यद्यपि बहुत से लोग परमेश्वर पर विश्वास करते हैं, किंतु बहुत कम लोग समझते हैं कि परमेश्वर पर विश्वास करने का अर्थ क्या है, और परमेश्वर के मन के अनुरूप बनने के लिये उन्हें क्या करना चाहिए। ऐसा इसलिए है क्योंकि यद्यपि लोग "परमेश्वर" शब्द और "परमेश्वर का कार्य" जैसे वाक्यांश से परिचित हैं, किंतु वे परमेश्वर को नहीं जानते हैं, और उससे भी कम वे उसके कार्य को जानते हैं। इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि तब वे सभी जो परमेश्वर को नहीं जानते हैं, वे दुविधायुक्त विश्वास रखते हैं। लोग परमेश्वर पर विश्वास करने को गंभीरता से नहीं लेते हैं, क्योंकि परमेश्वर पर विश्वास करना उनके लिये अत्यधिक अनजाना और अजीब है। इस प्रकार, वे परमेश्वर की माँग से कम पड़ते हैं।

गुरुवार, 8 नवंबर 2018

तुम्हें परमेश्वर के कार्य के तीन चरणों के लक्ष्य को अवश्य जानना चाहिए।

अध्याय 3 तुम्हें परमेश्वर के कार्य के तीन चरणों की सच्चाईयों के बारे में अवश्य जानना चाहिए?

2. तुम्हें परमेश्वर के कार्य के तीन चरणों के लक्ष्य को अवश्य जानना चाहिए।
परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
कार्य के तीन चरणों का उद्देश्य समस्त मानवजाति का उद्धार है—जिसका अर्थ है शैतान के अधिकार क्षेत्र से मनुष्य का पूर्ण उद्धार। यद्यपि कार्य के इन तीन चरणों में से प्रत्येक का एक भिन्न उद्देश्य और महत्व है, किन्तु प्रत्येक मानवजाति को बचाने के कार्य का हिस्सा है, और उद्धार का एक भिन्न कार्य है जो मानवजाति की आवश्यकताओं के अनुसार किया जाता है।
जब परमेश्वर के प्रबंधन का सम्पूर्ण कार्य समाप्ति के निकट होगा, तो परमेश्वर प्रत्येक वस्तुओं को उनके प्रकार के आधार पर श्रेणीबद्ध करेगा। मनुष्य रचयिता के हाथों से रचा गया था, और अंत में उसे मनुष्य को पूरी तरह से अपने प्रभुत्व के अधीन अवश्य लौटा देना चाहिए; कार्य के तीन चरणों का यही निष्कर्ष है।

बुधवार, 7 नवंबर 2018

मानवजाति को प्रबंधित करने का काम क्या है?

अध्याय 3 तुम्हें परमेश्वर के कार्य के तीन चरणों की सच्चाईयों के बारे में अवश्य जानना चाहिए?

1. मानवजाति को प्रबंधित करने का काम क्या है?
परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
मानवजाति का प्रबंधन करने के कार्य को तीन चरणों में बाँटा जाता है, जिसका अर्थ यह है कि मानवजाति को बचाने के कार्य को तीन चरणों में बाँटा जाता है। इन चरणों में संसार की रचना का कार्य समाविष्ट नहीं है, बल्कि ये व्यवस्था के युग, अनुग्रह के युग और राज्य के युग के कार्य के तीन चरण हैं। संसार की रचना करने का कार्य, सम्पूर्ण मानवजाति को उत्पन्न करने का कार्य था। यह मानवजाति को बचाने का कार्य नहीं था, और मानवजाति को बचाने के कार्य से कोई सम्बन्ध नहीं रखता है, क्योंकि जब संसार की रचना हुई थी तब मानवजाति शैतान के द्वारा भ्रष्ट नहीं की गई थी, और इसलिए मानवजाति के उद्धार का कार्य करने की कोई आवश्यकता नहीं थी।

रविवार, 4 नवंबर 2018

केवल सर्वशक्तिमान परमेश्वर में विश्वास करने से ही उद्धार आ सकता है।

अध्याय 1 तुम्हें अवश्य जानना चाहिए कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर ही एक सच्चा परमेश्वर है जिसने आकाश और पृथ्वी और वह सब कुछ बनाया है जो कुछ उन में है।

3. केवल सर्वशक्तिमान परमेश्वर में विश्वास करने से ही उद्धार आ सकता है।
परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
जब यीशु मनुष्य के संसार में आया, तो वह अनुग्रह का युग लाया, और उसने व्यवस्था का युग समाप्त किया। अंत के दिनों के दौरान, परमेश्वर एक बार फिर देहधारी बन गया, और इस बार जब उसने देहधारण किया, तो उसने अनुग्रह का युग समाप्त किया और परमेश्वर के राज्य का युग ले आया। उन सब को जो परमेश्वर के दूसरे देहधारण को स्वीकार करते हैं, राज्य के युग में ले जाया जाएगा, और वे व्यक्तिगत रूप से परमेश्वर का मार्गदर्शन स्वीकार करने में सक्षम होंगे। यद्यपि यीशु ने मनुष्यों के बीच अधिक कार्य किया है, उसने केवल समस्त मानवजाति के छुटकारे के कार्य को पूरा किया और वह मनुष्य की पाप-बलि बना, मनुष्य को उसके भ्रष्ट स्वभाव से छुटकारा नहीं दिलाया।

शुक्रवार, 2 नवंबर 2018

सर्वशक्तिमान परमेश्वर ही एक सच्चा परमेश्वर है जो सभी चीज़ों पर शासन करता है।

अध्याय 1 तुम्हें अवश्य जानना चाहिए कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर ही एक सच्चा परमेश्वर है जिसने आकाश और पृथ्वी और वह सब कुछ बनाया है जो कुछ उन में है।

1. सर्वशक्तिमान परमेश्वर ही एक सच्चा परमेश्वर है जो सभी चीज़ों पर शासन करता है।
परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
मनुष्य नहीं जानता कि ब्रह्मांड की सत्ता किसके पास है, मानवजाति की उत्पत्ति और भविष्य तो वह बिल्कुल नहीं जानता। मानवजाति सिर्फ मजबूरन इन नियमों के अधीन रहती है। न तो इससे कोई बच सकता है और न ही कोई इसे बदल सकता है, क्योंकि इन सबके मध्य और स्वर्ग में केवल एक ही शाश्वत सत्ता है जो सभी पर अपनी सम्प्रभुता रखती है। और ये वह है जिसे कभी भी मनुष्य ने देखा नहीं है, जिसे मानवजाति ने कभी जाना नहीं है, जिसके अस्तित्व में मनुष्य ने कभी भी विश्वास नहीं किया, फिर भी वही एक है जिसने मानवजाति के पूर्वजों को श्वास दी और मानवजाति को जीवन प्रदान किया। वही मानवजाति के अस्तित्व के लिए आपूर्ति और पोषण प्रदान करता है, और आज तक मानवजाति को मार्गदर्शन प्रदान करता आया है।

सोमवार, 16 जुलाई 2018

"देखने पर ही विश्वास होता है" पर विश्वास नहीं किया जाना चाहिए

"देखने पर ही विश्वास होता है" पर विश्वास नहीं किया जाना चाहिए

झियाओवेन, झेंगझोउ नगर, हेनन प्रांत


पहले, जब मैं लोगों को किसी बात पर टीका-टिप्पणी करते हुए सुनती थी, तो वे अक्सर यही कहते थे कि "देखने पर ही विश्वास होता है"। जैसे-जैसे समय गुजरता गया, मैंने भी चीजों को देखने के लिए इसी को आधार बना लिया, और परमेश्वर के वचनों के लिए भी यही मेरी धारणा थी। परिणाम यह हुआ कि, परमेश्वर के कई वचन जो परिपूर्ण नहीं हुए थे, मैं उन पर विश्वास करने में असमर्थ हो गई।

गुरुवार, 28 जून 2018

उत्पीड़न और कठिनाइयों ने मुझे बढ़ने में मदद की

उत्पीड़न और कठिनाइयों ने मुझे बढ़ने में मदद की

बाइतुओ डेझोउ सिटी, शैंडॉन्ग प्रदेश



पहले, मैं सिर्फ इतना जानती थी कि परमेश्वर की बुद्धि का अभ्यास शैतान के आधार पर किया जाता था, कि परमेश्वर एक बुद्धिमान परमेश्वर है और कि शैतान सिद्धांत में हमेशा ही परमेश्वर का पराजित शत्रु होगा, लेकिन मुझे वास्तविक अनुभव के आधार पर इसके बारे में कोई समझ या ज्ञान नहीं थी। बाद में, केवल परमेश्वर द्वारा व्यवस्थित वातावरण के भीतर ही, मुझे सत्य के इस पहलू का कुछ वास्तविक अनुभव प्राप्त हुआ।

मंगलवार, 26 जून 2018

परमेश्‍वर के आशीष




लोग अक्सर कहते हैं कि ‘‘तूफान बिना चेतावनी के आते हैं और दुर्भाग्य रातों-रात मनुष्य को तबाह कर देता है।’’
हमारे वर्तमान युग में जब विज्ञान, आधुनिक परिवहन और भौतिक सम्पत्ति का तेजी से विस्तार कर रहा है, हमारे चारों ओर हो रही आपदाएं भी दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैं। जब हम समाचार पत्र को खोलते हैं या टीवी को चालू करते हैं, तो मुख्यतौर पर हमें: युद्ध, भूकंप, सुनामी, तूफान, आग, बाढ़, हवाई दुर्घटना, खदान दुर्घटनाएं, सामाजिक अशांति, हिंसक संघर्ष, आतंकवादी हमले आदि देखने को मिलते हैं। हम प्राकृतिक प्रकोप और मानव-निर्मित आपदाओं को देखते हैं। ये आपदाएं अक्सर होती रहती हैं और तेजी से तीव्र होती जा रही हैं। आपदा के यह हमले अपने साथ, पीड़ा, रक्त, अपंगता और मौत लेकर आते हैं। जीवन की अल्‍पता और दुर्बलता पर जोर देते हुए, दुर्भाग्य हर समय हमारे आसपास घटित होते रहते हैं। भविष्य में हमें किस तरह की आपदाओं का सामना करना पड़ेगा, इसका अनुमान लगाने का कोई तरीका नहीं है। इसके अलावा, हम यह भी नहीं जानते कि हमें किस प्रकार की कार्रवाई करनी चाहिए। मानवता के सदस्य के रूप में, इन आपदाओं से मुक्त होने के लिए हमें क्या करना चाहिए? इस कार्यक्रम में, आपको उत्तर मिल जायेगा। आपको परमेश्वर का बचाव प्राप्त करने का एकमात्र मार्ग मिल जायेगा जिससे कि आप आसन्‍न आपदाओं से बच सकें।

शनिवार, 3 फ़रवरी 2018

परमेश्वर के प्रकटन की महत्ता



Tai Chi Dance | New Heaven and New Earth "परमेश्वर के प्रकटन की महत्ता" | Second Coming (Hindi)


परमेश्वर के प्रकटन के मायने हैं,
अपने काम की ख़ातिर धरती पर उसका निजी आगमन।
वो अपनी पहचान, अपने स्वभाव, अपने तरीके से,
युग शुरु करने, युग का अंत करने, इंसानों के बीच आता है।
ऐसा प्रकटन न प्रतीक है, न तस्वीर है।

शनिवार, 9 दिसंबर 2017

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचन से, मुझे अपनी जिंदगी की दिशा मिली


नोवो फिलिपीन्स

     मेरा नाम नोवो है, मैं फिलिपिनो हूं। जब मैं छोटा था तो मुझे अपनी मां से परमेश्वर पर विश्वास मिला। मैं अपने भाई-बहनों के साथ धर्मोपदेश सुनने कलीसिया जाया करता था। भले ही मैं सालों से परमेश्वर पर विश्वास करता आ रहा था, लेकिन मुझे लगा कि मैं एक नास्तिक की तरह था। अपने दिल से, मैं पूरे दिन यह सोचने लगा था कि कैसे ज्यादा धन कमाया जाए और बेहतर जिंदगी जी जाए। इसके अलावा, मैं अक्सर अपने दोस्तों के साथ बाहर जाकर पीने लगा था। अतिरिक्त धन आ जाने पर, मैं बाहर जाकर जुआ भी खेलने लगा था।

शनिवार, 11 नवंबर 2017

आशीषों से तुम लोग क्या समझते हो?



    यद्यपि इस युग में जन्मे लोग शैतान और गंदे राक्षसों के भ्रष्टाचार के अधीन हैं, यह भी सच है कि वे इस विकृति के कारण महान उद्धार प्राप्त करने में सक्षम हैं, यहाँ तक ​​कि पहाड़ों और मैदानों पर फैले हुए पशुओं और अय्यूब द्वारा हासिल की गई काफी पारिवारिक संपत्ति से भी अधिक, और यह उस आशीष से भी बढ़कर है जो अय्यूब को अपनी परीक्षाओं के बाद यहोवा को देखने के रूप में प्राप्त हुआ था। यह केवल अय्यूब की मौत की परीक्षा के बाद ही हुआ था कि वह यहोवा के वचन सुन पाया और बादल से उनकी गर्जनापूर्ण आवाज़ को सुन सका था। फिर भी, उसने यहोवा का चेहरा नहीं देखा और वह उनके स्वभाव को नहीं जान सका था। जो अय्यूब को प्राप्त हुई वह केवल भौतिक संपत्ति थी, जो शारीरिक सुख, आसपास के शहरों में सबसे सुन्दर बच्चे और स्वर्ग के दूतों द्वारा सुरक्षा प्रदान करती थी।

बुधवार, 25 अक्टूबर 2017

उद्धारकर्त्ता पहले से ही एक “सफेद बादल” पर सवार होकर वापस आ चुका है

 
    
     कई हज़ारों सालों से, मनुष्य ने उद्धारकर्त्ता के आगमन को देखने में सक्षम होने की लालसा की है। मनुष्य ने उद्धारकर्त्ता यीशु को एक सफेद बादल पर देखने की इच्छा की है जब वह व्यक्तिगत रूप से उन लोगों के बीच में अवरोहण करता है जिन्होंने हज़ारों सालों से उसकी अभिलाषा की है और उसके लिए लालायित रहे हैं। मनुष्य ने उद्धारकर्त्ता की वापसी और लोगों के साथ उसके फिर से जुड़ने की लालसा की है, अर्थात्, उद्धारकर्त्ता यीशु के लिए कि वह उन लोगों के पास वापस आए जिनसे वह हज़ारों सालों से अलग रहा है।

मंगलवार, 24 अक्टूबर 2017

परमेश्वर के काम का दर्शन (1)

 
    यूहन्ना ने यीशु के लिए सात साल तक काम किया, और यीशु के आने से पहले ही मार्ग तैयार कर दिया था. इसके पहले, यूहन्ना द्वारा प्रचारित स्वर्गराज्य का सुसमाचार पूरे देश में सुना जा चुका था, इस प्रकार यह पूरे यहूदिया में फैल गया, और सभी ने उसे नबी कह कर पुकारा। उस समय राजा हेरोदस, यूहन्ना को मारने की इच्छा रखता था, फिर भी उसने हिम्मत नहीं की, क्योंकि लोग यूहन्ना को बहुत सम्मान देते थे, और हेरोदस को डर था कि अगर वह यूहन्ना को मार देगा तो वे उसके खिलाफ विद्रोह कर देंगे। यूहन्ना द्वारा किया गया काम, आम लोगों के बीच जड़ें जमा चुका था और उसने यहूदियों को विश्वासी बना दिया था।

सदोम की भ्रष्टताः मुनष्यों को क्रोधित करने वाली, परमेश्वर के कोप को भड़काने वाली

सर्वप्रथम, आओ हम पवित्र शास्त्र के अनेक अंशों को देखें जो "परमेश्वर के द्वारा सदोम के विनाश" की व्याख्या करते हैं। (उत्पत्ति 19...