हर इंसान जीता है परमेश्वर की रोशनी में
उमंग में, उल्लास में अब, परमेश्वर की धर्मिता और पवित्रताफैल गई है पूरे ब्रह्माण्ड में, हर तरफ, और पूरी मानवता के बीच बनी महान।
हंसते शहर आसमां के, नाचते धरती के राज्य।
कौन है जो ख़ुश न होगा, किसकी आंखें नम न होंगी?
अब न है अनबन किसी में, अब न है तकरार कोई,
नाम परमेश्वर का ना, बदनाम अब करता है कोई।