घर

अंतिम दिनों के लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
अंतिम दिनों के लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

मंगलवार, 12 दिसंबर 2017

हर इंसान जीता है परमेश्वर की रोशनी में



हर इंसान जीता है परमेश्वर की रोशनी में 

उमंग में, उल्लास में अब, परमेश्वर की धर्मिता और पवित्रता
फैल गई है पूरे ब्रह्माण्ड में, हर तरफ, और पूरी मानवता के बीच बनी महान।
हंसते शहर आसमां के, नाचते धरती के राज्य।
कौन है जो ख़ुश न होगा, किसकी आंखें नम न होंगी?
अब न है अनबन किसी में, अब न है तकरार कोई,
नाम परमेश्वर का ना, बदनाम अब करता है कोई।

सोमवार, 11 दिसंबर 2017

एक निर्मित प्राणी के दिल की आवाज़



एक निर्मित प्राणी के दिल की आवाज़

मैंने चाहा रोना, कोई जगह नहीं थी सही।
मैंने चाहा गाना, मिला नहीं कोई गीत।
मैंने चाहा एक निर्मित प्राणी के प्रेम का करना इज़हार।
ऊपर-नीचे ढूंढा, पर कोई वचन न बता पाए,
न बता पाए मुझे होता जो महसूस।
व्यावहारिक और सच्चे परमेश्वर, मेरे भीतर के प्रेम।
स्तुति में आपकी मैं उठाऊँ अपने हाथ, हूँ ख़ुश कि आप आए इस दुनिया में।

शनिवार, 9 दिसंबर 2017

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचन से, मुझे अपनी जिंदगी की दिशा मिली


नोवो फिलिपीन्स

     मेरा नाम नोवो है, मैं फिलिपिनो हूं। जब मैं छोटा था तो मुझे अपनी मां से परमेश्वर पर विश्वास मिला। मैं अपने भाई-बहनों के साथ धर्मोपदेश सुनने कलीसिया जाया करता था। भले ही मैं सालों से परमेश्वर पर विश्वास करता आ रहा था, लेकिन मुझे लगा कि मैं एक नास्तिक की तरह था। अपने दिल से, मैं पूरे दिन यह सोचने लगा था कि कैसे ज्यादा धन कमाया जाए और बेहतर जिंदगी जी जाए। इसके अलावा, मैं अक्सर अपने दोस्तों के साथ बाहर जाकर पीने लगा था। अतिरिक्त धन आ जाने पर, मैं बाहर जाकर जुआ भी खेलने लगा था।

परमेश्वर के वचन हैं, कभी न बदलने वाले सत्य



परमेश्वर के वचन हैं, कभी न बदलने वाले सत्य।

प्रभु दाता हैं जीवन के, बस वो ही रहनुमा हैं इन्सां के।
उनके सार तय करते हैं प्रभु के वचनों की कीमत और माने,
ना कि इंसान उन्हें माने या ना माने।
अगर ना भी समझे कोई इन्सां, अहमियत उन वचनों की,
इंसान के लिए उनकी कीमत और मदद अपार है।
परमेश्वर के वचन हैं, कभी न बदलने वाले सत्य।
प्रभु दाता हैं जीवन के, बस वो ही रहनुमा हैं इन्सां के।

शुक्रवार, 8 दिसंबर 2017

परमेश्वर का प्रेम सर्वाधिक यथार्थ है


वेंझोंग बीजिंग शहर

11 अगस्त 2012

21 जुलाई 2012 की रात को हमारे यहाँ एक भयावह बाढ़ आई थी। इस प्रकार की दुर्घटनाएं कभी कभी ही घटित होती है। मैंने इस दुर्घटना के दौरान क्या अनुभव किया और मैंने क्या देखा; उन सभी लोगों को बताना चाहती हूँ जो लोग परमेश्वर के लिए लालायित रहते हैं।

बुधवार, 6 दिसंबर 2017

गंतव्य पर



     जब भी गंतव्य की बात आती है, तुम उसे पूरी गंभीरता से लेते हो; तुम सभी लोग इस मामले में बहुत ही संवेदनशील हो। कुछ लोग तो एक अच्छा गंतव्य पाने के लिये परमेश्वर के सामने दंडवत करने से भी नहीं चूकते। मैं तुम्हारी उत्सुकता समझता हूं, उसे शब्दों में व्यक्त करने की आवश्यकता नहीं है। तुम बिल्कुल नहीं चाहोगे कि तुम्हारी देह किसी विपत्ति में फंस जाये, और न ही तुम यह चाहोगे कि भविष्य में तुम्हें कोई दीर्घकालिक दंड भुगतना पड़े।

सारी दुनिया तेरी रोशनी की पनाह में आती



सारी दुनिया तेरी रोशनी की पनाह में आती

(सारी दुनिया की रोशनी)
दर्द-ओ-ग़म से कराहती इंसानियत को
तेरे आग़ोश में आकर दुलार मिलता है,
तेरी झूलती-सी मज़बूत, फैली बाहें,
तेरी चमकती, मुस्कुराती-सी निगाहें!
तेरे प्यार और करुणा में बंधे हम,
तेरा दमकता-उभरता चेहरा, नज़र आता है

मंगलवार, 5 दिसंबर 2017

स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है I

परमेश्वर का अधिकार (I)
मेरी पिछली अनेक सभाएँ परमेश्वर के कार्य, परमेश्वर के स्वभाव, और स्वयं परमेश्वर के विषय में थीं। इन सभाओं को सुनने के बाद, क्या तुम लोगों को एहसास होता है कि तुम सबने परमेश्वर के स्वभाव की समझ और ज्ञान को प्राप्त किया है? कितनी बड़ी समझ और ज्ञान को प्राप्त किया है? क्या तुम लोग उसे एक संख्या दे सकते हो? क्या इन सभाओं ने तुम सभी को परमेश्वर की और गहरी समझ दी है? क्या ऐसा कहा जा सकता है कि यह समझ परमेश्वर का सच्चा ज्ञान है?

सोमवार, 4 दिसंबर 2017

प्रभु की अच्छाइयां फैली हुई हैं कण-कण में


प्रभु की अच्छाइयां फैली हुई हैं कण-कण में

हरचीज़पर, नज़रहैप्रभुकी, आसमांसे
हर चीज़ पर, अधिकार है प्रभु का, आसमां से
साथ ही, इंसान का उद्धार करने भेजा है, धरती पर उसने, आसमां से।
खुद तो है पर्दे के पीछे, हर समय, हर करम इंसान का पर वो देखता है
कौन क्या कहता है, क्या करता है, वो सब जानता है,
अपने हाथों की हथेली की तरह, इंसान को पहचानता है।

नूह का समय आ चुका है


      आओ नूह के युग के दौरान की मानवता पर पीछे मुड़कर देखते हैं। मनुष्य सभी प्रकार की दुष्ट गतिविधियों में संलग्न था और पश्चाताप करने के लिए उसने विचार भी नहीं किया। किसी ने भी परमेश्वर के वचन को नहीं सुना। उनकी कठोरता तथा बुराई ने परमेश्वर के क्रोध को बढ़ाया और अंत में, वे एक भयंकर बाढ़ की आपदा द्वारा निगल लिये गये। केवल नूह तथा उसके आठ लोगों के परिवार ने परमेश्वर के वचन को सुना और बच पाने में सफल रहे।

रविवार, 3 दिसंबर 2017

परमेश्‍वर के आशीष


    लोग अक्सर कहते हैं कि "तूफान बिना चेतावनी के आते हैं और दुर्भाग्य रातों-रात मनुष्य को तबाह कर देता है।"
    हमारे वर्तमान युग में जब विज्ञान, आधुनिक परिवहन और भौतिक सम्पत्ति का तेजी से विस्तार कर रहा है, हमारे चारों ओर हो रही आपदाएं भी दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैं।

शनिवार, 2 दिसंबर 2017

चीनी सुसमाचार गायक-मण्डली 19वाँ प्रदर्शन



तारों भरी, निस्तब्ध और शांत रात्रि के आकाश तले, ईसाईयों का एक समूह उत्सुकता से उद्धारकर्ता की वापसी की प्रतीक्षा करते हुए और सुखद संगीत की धुन में गाता और नाचता है। जब वे खुशी का समाचार सुनते हैं कि "परमेश्वर वापस आ गया है" और "परमेश्वर ने नए वचन कहे हैं", वे आश्चर्यचकित और उत्साहित हो जाते हैं। वे सोचते हैं: "परमेश्वर वापस आ गया है? वह पहले ही प्रकट हो चुका है?!" जिज्ञासा और अनिश्चितता के साथ, एक के बाद एक, वे परमेश्वर के नए वचनों को खोजने की यात्रा में कदम रखते हैं।

शुक्रवार, 1 दिसंबर 2017

परमेश्वर स्वयं के लिए इंसान की सच्ची आस्था और प्रेम पाने की करता है आशा


परमेश्वर स्वयं के लिए इंसान की सच्ची आस्था और प्रेम पाने की करता है आशा 

परमेश्वर करता है आशा, जब तुम समझो,
उसके सच्चे रूप को,
तुम हो जाओगे उनके और करीब;
सच्चे दिल से समझोगे उनके प्रेम को,
इंसानियत के लिए उनकी चिंता की करोगे सच्ची तारीफ़;
अपने दिल को सौंप दोगे उनके हाथ में,
न रहेगा शंका न होगा कोई संदेह उनके बारे में,

अध्याय 9. व्यावहारिक परमेश्वर में तीन विश्वास


     परमेश्वर के परिवार के भीतर, परमेश्वर में कई अलग-अलग विश्वास हैं; यह देखने के लिए कि तुम किस विश्वास से संबंधित हो इन अलग-अलग विश्वासों की पहचान अवश्य करनी चाहिए।

बाइबल के विषय में (3)


      बाइबल की हर चीज़ परमेश्वर के द्वारा व्यक्तिगत रूप से बोले गए वचनों का लिखित दस्तावेज़ नहीं है। बाइबल सामान्यतः परमेश्वर के कार्य की पिछली दो अवस्थाओं का आलेख करती है, उसमें से एक भाग है जो पैग़म्बरों की भविष्यवाणियों का लिखित दस्तावेज़ है, और एक भाग वह अनुभव और ज्ञान है जिन्हें युगों के दौरान उन लोगों के द्वारा लिखा गया था जिन्हें परमेश्वर के द्वारा इस्तेमाल किया गया था।

गुरुवार, 30 नवंबर 2017

देहधारी परमेश्वर मानव जाति को नये युग में ले जाते हैं



देहधारी परमेश्वर मानव जाति को नये युग में ले जाते हैं

देह-धारी प्रभु करते हैं अंत उस युग का, जहां मानवजाति ने कभी न देखा यहोवा का चेहरा।
करते हैं प्रभु अंत उस युग का, जहां मानव का अज्ञात प्रभु में रहा विश्वास,
अंतिम देहधारी प्रभु का काम रहा (काम रहा),
लाना मानव को ज़्यादा सच्चे, व्यावहारिक, और सुहाने युग में।

काम परमेश्वर का सदा बढता ही रहता है



काम परमेश्वर का सदा बढता ही रहता है

काम परमेश्वर का सदा बढ़ता रहता है,
मगर उसका इरादा सदा एक सा रहता है,
बस बदलते हैं काम करने के साधन सदा,
बदलते हैं उसके चाहने वाले सदा,
काम परमेश्वर के जो होंगे ज़्यादा,
लोग भी परमेश्वर को जानेंगे पूरी तरह,
उसके काम के संग-संग इंसान का स्वभाव बदलता है।

अध्याय 6. लोगों के प्रदर्शन के अनुसार उनके परिणाम के निर्धारण का अर्थ

      

      1. यदि परमेश्वर केवल लोगों के स्वभाव की अभिव्यक्ति की ओर देखे तो कोई भी बचाया नहीं जा सकता है।


      वर्तमान में, लोगों का प्रदर्शन उनके परिणाम को निर्धारित करता है, लेकिन यह प्रदर्शन क्या है? क्या आप जानते हैं? आप लोग सोच रहे होंगे कि यह लोगों के कार्यों में उनके भ्रष्ट स्वभाव को व्यक्त करने के बारे में है, परन्तु वास्तव में इसका अर्थ यह नहीं है। आप सत्य को अभ्यास में लाने के योग्य हैं या नहीं, आप अपने कर्तव्य को करते समय ईमानदार और समर्पित रहने के योग्य हैं या नहीं, साथ ही साथ परमेश्वर पर विश्वास करने के बारे में आपका दृष्टिकोण, आपका परमेश्वर के प्रति रवैया, कठिनाईयों को सहने का निश्चय, न्याय और सुधार स्वीकार करने के प्रति रवैया, परिवर्तन का स्तर और गम्भीर अपराधों की संख्या, यह सब कुछ इस प्रदर्शन से सम्बन्ध रखता है।

बुधवार, 29 नवंबर 2017

अध्याय 5.परमेश्वर की इच्छा है कि यथासंभव लोगों की रक्षा की जाये

   
 
     1. इस बात की ज़रा भी चिंता न करें कि परमेश्वर ने पहले से ही आपके जीवन को निर्धारित कर दिया है या नहीं, बल्कि अपनी खोज की चिंता करें।


     बहुत से लोग परमेश्वर की इच्छा को नहीं समझते; वे सोचते हैं कि परमेश्वर ने जिसके जीवन को भी पूर्वनिर्धारित कर दिया है, परमेश्वर अवश्य ही उसकी रक्षा करेंगे और सोचते हैं जिनके जीवन को पूर्वनिर्धारित नहीं किया है, परमेश्वर उनकी रक्षा नहीं करेंगे, भले ही वह अच्छे काम करते हों। उन्हें लगता है कि परमेश्वर लोगों के काम और व्यवहार के आधार पर नियति तय नहीं करेंगे।

मंगलवार, 28 नवंबर 2017

पन्द्रहवाँ कथन


      मनुष्य एक आत्मज्ञान रहित प्राणी है। फिर भी, स्वयं को जानने में असमर्थ वह इसके बावजूद अपनी हथेली के समान अन्य हर किसी को जानता है, मानो कि कुछ भी कहने या करने से पूर्व अन्य सभी उसके "निरीक्षण" से गुजरते हों या उसका अनुमोदन प्राप्त करते हों, इस प्रकार से मानो कि, उसने अन्य सभी की उनकी मनोवैज्ञानिक अवस्था तक पूर्ण रूप से माप ले ली हो। सभी मनुष्य इसी प्रकार के हैं। आज मनुष्य परमेश्वर के राज्य के युग में प्रवेश कर चुका है, परंतु उसका स्वभाव अपरिवर्तित रहा है।

सदोम की भ्रष्टताः मुनष्यों को क्रोधित करने वाली, परमेश्वर के कोप को भड़काने वाली

सर्वप्रथम, आओ हम पवित्र शास्त्र के अनेक अंशों को देखें जो "परमेश्वर के द्वारा सदोम के विनाश" की व्याख्या करते हैं। (उत्पत्ति 19...