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शनिवार, 15 जून 2019

परमेश्वर उदास कैसे न हो?



  • I
  • परमेश्वर ने तीखा, मीठा, कड़वा, खट्टा,
  • इंसानी अनुभव का हर स्वाद चखा है।
  • हवाओं में वो आता है, बरसात में चला जाता है।
  • परिवार की यातनाएँ भी झेली हैं उसने,
  • उतार-चढ़ाव भी ज़िन्दगी के देखे हैं उसने,
  • अपने देह से जुदा होने का ग़म भी झेला है उसने।
  • जब धरती पर आया परमेश्वर,
  • मुश्किलें जो झेलीं उसने उनकी ख़ातिर,
  • बजाय उसका स्वागत करने के, ठुकरा दिया "अदब से"
  • परमेश्वर के नेक इरादों को इंसान ने।
  • कैसे न उसका दिल दुखे, कैसे न वो उदास हो इससे?
  • II
  • इसी तरह का अंत पाने के लिए
  • क्या देहधारण किया परमेश्वर ने?
  • क्यों नहीं इंसान करता प्रेम परमेश्वर से?
  • क्यों दिया जाता है प्रतिदान उसके प्रेम का नफ़रत से?
  • क्या इसलिये कि परमेश्वर यातना सहे इसी तरह से?
  • III
  • चूँकि परमेश्वर ने मुश्किलें सहीं धरती पर,
  • इसलिये हमदर्दी के आँसू बहाए हैं इंसान ने।
  • उसकी बदकिस्मती के अन्याय की निंदा की इंसान ने।
  • परमेश्वर के दिल को सचमुच फिर भी किसने जाना है?
  • IV
  • कौन समझ सकता है उसके जज़्बात को?
  • परमेश्वर के लिये कभी गहरी चाहत थी इंसान में,
  • कामना करता था अक्सर अपने ख़्वाबों में उसकी।
  • धरती के निवासी मगर कैसे समझें स्वर्ग में इच्छा उसकी,
  • स्वर्ग में इच्छा उसकी?
  •  
  • "वचन देह में प्रकट होता है" से
      चमकती पूर्वी बिजली, सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया का सृजन सर्वशक्तिमान परमेश्वर के प्रकट होने और उनका काम, परमेश्वर यीशु के दूसरे आगमन, अंतिम दिनों के मसीह की वजह से किया गया था। यह उन सभी लोगों से बना है जो अंतिम दिनों में सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कार्य को स्वीकार करते हैं और उसके वचनों के द्वारा जीते और बचाए जाते हैं। यह पूरी तरह से सर्वशक्तिमान परमेश्वर द्वारा व्यक्तिगत रूप से स्थापित किया गया था और चरवाहे के रूप में उन्हीं के द्वारा नेतृत्व किया जाता है। इसे निश्चित रूप से किसी मानव द्वारा नहीं बनाया गया था। मसीह ही सत्य, मार्ग और जीवन है। परमेश्वर की भेड़ परमेश्वर की आवाज़ सुनती है। जब तक आप सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचनों को पढ़ते हैं, आप देखेंगे कि परमेश्वर प्रकट हो गए हैं।

अनुशंसित:मसीही गीत

बुधवार, 12 जून 2019

परमेश्वर में आस्था की सर्वोच्च प्राथमिकता

  • I
  • परमेश्वर जो करता है उसे समझने का प्रयास करो,
  • परमेश्वर के पक्ष में खड़े रहकर,
  • उसके वचनों के ज़रिये चीज़ों को देखो।
  • इस तरह नज़रिया तुम्हारा सही होगा।
  • इस तरह नज़रिया तुम्हारा सही होगा।
  • II
  • जो कुछ भी तुम करते हो उसे,
  • परमेश्वर के संग अपने सामान्य रिश्ते से तौलो।
  • गर परमेश्वर के संग रिश्ते सामान्य हैं तुम्हारे,
  • इरादे सही हैं तुम्हारे तो उस काम को करो।
  • परमेश्वर के संग रिश्ते सामान्य बनाए रखने के लिये,
  • तुम डर नहीं सकते इस बात से, कहीं नुकसान न हो।
  • परमेश्वर के संग कायम करना अच्छे रिश्ते,
  • होनी चाहिये सर्वोच्च प्राथमिकता उसकी
  • जिसे विश्वास है परमेश्वर में।
  • यही सबसे अहम काम होना चाहिये सबके लिये,
  • सबसे अहम काम होना चाहिये ज़िंदगी में सबके लिये।
  • III
  • तुम शैतान को इजाज़त दे नहीं सकते, वो हावी हो तुम पर,
  • काबू करे तुम्हें, हँसी का पात्र बनाए तुम्हें।
  • ऐसा इरादा निशानी है कि
  • परमेश्वर के संग रिश्ते सामान्य हैं तुम्हारे।
  • देह के लिये नहीं, है ये आत्मा की शांति के लिये।
  • परमेश्वर की इच्छा को पूरा करने की ख़ातिर,
  • है ये पवित्र आत्मा के कार्य को पाने के लिये।
  • IV
  • सही स्थिति में प्रवेश के लिए,
  • परमेश्वर के संग रिश्ता तुम्हें मज़बूत बनाना होगा।
  • परमेश्वर में विश्वास का नज़रिया अपना दुरुस्त करना होगा।
  • ये परमेश्वर को अनुमति देना है वो प्राप्त करे तुम्हें,
  • अपने वचनों के फल प्रकट करे तुम में।
  • परमेश्वर को अनुमति देना कि वो और अधिक प्रबुद्ध करे तुम्हें।
  • इस तरह सही रीति में प्रवेश करोगे तुम।
  • V
  • खाते-पीते रहो परमेश्वर के मौजूदा वचनों को।
  • पवित्र आत्मा के काम के वर्तमान मार्ग में प्रवेश करो।
  • पुरानी प्रथाओं और तौर-तरीकों पर चलने के बजाय,
  • परमेश्वर की आज की अपेक्षाओं के अनुरूप कार्य करो।
  • इस तरह, परमेश्वर के संग होंगे रिश्ते सामान्य तुम्हारे।
  • और परमेश्वर में विश्वास के सही मार्ग पर होगे तुम।
  • परमेश्वर के संग कायम करना अच्छे रिश्ते,
  • होनी चाहिये सर्वोच्च प्राथमिकता उसकी
  • जिसे विश्वास है परमेश्वर में।
  • यही सबसे अहम काम होना चाहिये सबके लिये,
  • सबसे अहम काम होना चाहिये ज़िंदगी में सबके लिये।
  •  
  • "वचन देह में प्रकट होता है" से
      चमकती पूर्वी बिजली, सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया का सृजन सर्वशक्तिमान परमेश्वर के प्रकट होने और उनका काम, परमेश्वर यीशु के दूसरे आगमन, अंतिम दिनों के मसीह की वजह से किया गया था। यह उन सभी लोगों से बना है जो अंतिम दिनों में सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कार्य को स्वीकार करते हैं और उसके वचनों के द्वारा जीते और बचाए जाते हैं। यह पूरी तरह से सर्वशक्तिमान परमेश्वर द्वारा व्यक्तिगत रूप से स्थापित किया गया था और चरवाहे के रूप में उन्हीं के द्वारा नेतृत्व किया जाता है। इसे निश्चित रूप से किसी मानव द्वारा नहीं बनाया गया था। मसीह ही सत्य, मार्ग और जीवन है। परमेश्वर की भेड़ परमेश्वर की आवाज़ सुनती है। जब तक आप सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचनों को पढ़ते हैं, आप देखेंगे कि परमेश्वर प्रकट हो गए हैं।

मंगलवार, 11 जून 2019

परमेश्वर के वचन का न्याय इंसान को बचाने के लिये है

  • I
  • हालाँकि ताड़ना और न्याय के बहुत से वचन
  • कहे हैं तुम लोगों से परमेश्वर ने,
  • लागू नहीं किये गए हैं वे तुम लोगों पर,
  • हाँ, काम के तौर पर लागू नहीं किये गए हैं तुम लोगों पर।
  • परमेश्वर आया है अपना काम करने और वचन बोलने।
  • हालाँकि कठोर हो सकते हैं उसके वचन,
  • तुम्हारी भ्रष्टता के, विद्रोह के न्याय की ख़ातिर
  • बोले जाते हैं ये वचन।
  • ऐसा करके इंसान को नुकसान पहुँचाना
  • नहीं है परमेश्वर का मकसद,
  • बल्कि शैतान के प्रभुत्व से इंसान को बचाना है उसका मकसद।
  • परिणाम हासिल करना है परमेश्वर के कठोर वचनों का मकसद।
  • इसी कार्य-शैली से
  • खुद को जान सकता है इंसान,
  • अपने विद्रोही स्वभाव से पीछा छुड़ा सकता है इंसान।
  • हालाँकि कठोर हो सकते हैं परमेश्वर के वचन,
  • इंसान के उद्धार के लिये बोले जाते हैं ये वचन,
  • क्योंकि वो केवल वचन बोल रहा है,
  • इंसान की देह को सज़ा नहीं दे रहा है।
  • इंसान को रोशनी में जीने में मदद करते हैं ये वचन,
  • रोशनी का अस्तित्व है, ये बेशकीमती है बताते हैं ये वचन,
  • इंसान के लिये ये फ़ायदेमंद हैं, समझाते हैं ये वचन।
  • परमेश्वर उद्धार है, ज्ञान कराते हैं ये वचन।
  • II
  • वचनों के काम के बड़े मायने हैं:
  • सत्य को जानकर अमल में ला सकता है इंसान,
  • अपने स्वभाव में बदलाव ला सकता है इंसान,
  • ख़ुद को और परमेश्वर के काम को जान सकता है इंसान।
  • इस तरह बोलकर काम करने के ज़रिये ही
  • परमेश्वर और इंसान के बीच
  • बढ़ाया जा सकता है रिश्तों को।
  • और केवल वचन ही समझा सकते हैं सत्य को।
  • यह बेहतरीन तरीका है जीतने का इंसान को।
  • वचन बोलने के अलावा कोई तरीका,
  • नहीं है जिसके ज़रिये इंसान जान सके
  • सारे सत्य और परमेश्वर के सारे काम को।
  • अनजाने सत्य और राज़ उजागर करने,
  • इंसान को सत्य मार्ग और जीवन हासिल कराने,
  • अपने काम के अंतिम चरण में बोलता है परमेश्वर,
  • और इस तरह पूरी होती है इच्छा परमेश्वर की।
  • हालाँकि कठोर हो सकते हैं परमेश्वर के वचन,
  • इंसान के उद्धार के लिये बोले जाते हैं ये वचन,
  • क्योंकि वो केवल वचन बोल रहा है,
  • इंसान की देह को सज़ा नहीं दे रहा है।
  • इंसान को रोशनी में जीने में मदद करते हैं ये वचन,
  • रोशनी का अस्तित्व है, ये बेशकीमती है बताते हैं ये वचन,
  • इंसान के लिये ये फ़ायदेमंद हैं, समझाते हैं ये वचन।
  • परमेश्वर उद्धार है, ज्ञान कराते हैं ये वचन।
  •  
  • "वचन देह में प्रकट होता है" से
      चमकती पूर्वी बिजली, सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया का सृजन सर्वशक्तिमान परमेश्वर के प्रकट होने और उनका काम, परमेश्वर यीशु के दूसरे आगमन, अंतिम दिनों के मसीह की वजह से किया गया था। यह उन सभी लोगों से बना है जो अंतिम दिनों में सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कार्य को स्वीकार करते हैं और उसके वचनों के द्वारा जीते और बचाए जाते हैं। यह पूरी तरह से सर्वशक्तिमान परमेश्वर द्वारा व्यक्तिगत रूप से स्थापित किया गया था और चरवाहे के रूप में उन्हीं के द्वारा नेतृत्व किया जाता है। इसे निश्चित रूप से किसी मानव द्वारा नहीं बनाया गया था। मसीह ही सत्य, मार्ग और जीवन है। परमेश्वर की भेड़ परमेश्वर की आवाज़ सुनती है। जब तक आप सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचनों को पढ़ते हैं, आप देखेंगे कि परमेश्वर प्रकट हो गए हैं।

अनुशंसित:मसीही गीत

सोमवार, 10 जून 2019

विजय कार्य का सार



  • I
  • इन्सान की सबसे बड़ी समस्या है यही,
  • कि वो अपने भविष्य को छोड़ कुछ और सोचता नहीं,
  • अपनी सम्भावनाओं से सबसे अधिक प्रेम करता है,
  • इन्हीं के लिए परमेश्वर का अनुसरण भी करता है,
  • न कि इसलिए कि वह परमेश्वर से प्रेम करता है।
  • इसलिए स्वार्थ, लालच, और चीज़ें सभी
  • जो डालतीं हैं उसकी आराधना में बाधा, उन्हें हटाना होगा।
  • फिर ही मानव पर विजय का प्रभाव प्राप्त होगा।
  • इन्सान की नियति और सम्भावना को दूर करके,
  • उसके विद्रोही स्वभाव का न्याय करके, उसे ताड़ना दे के,
  • विजय कार्य अपना प्रभाव ऐसे हासिल करता है,
  • न की इन्सान से सौदेबाज़ी करने, उसे अनुग्रह और आशीष देने से,
  • बल्कि उसकी वफादारी प्रकट करने के लिए
  • उसकी “आज़ादी” और सम्भावनाओं को ले लेने से।
  • विजय का कार्य यही है। विजय का कार्य यही है।
  • II
  • आरम्भ की विजयों में, ज़रूरी है
  • इन्सान की बेहिसाब अकांक्षाओं को,
  • उसकी जानलेवा कमज़ोरी को दूर करना,
  • और इसके द्वारा, परमेश्वर के लिए इन्सान के प्रेम को प्रकट करना,
  • जीवन, परमेश्वर और अस्तित्व के अर्थ के बारे में
  • उसकी सोच बदलना।
  • इस तरह से परमेश्वर के लिए इन्सान का प्रेम होता है शुद्ध,
  • उसके दिल पर होती है सच्ची विजय।
  • इन्सान की नियति और सम्भावना को दूर करके,
  • उसके विद्रोही स्वभाव का न्याय करके, उसे ताड़ना दे के,
  • विजय कार्य अपना प्रभाव ऐसे हासिल करता है,
  • न की इन्सान से सौदेबाज़ी करने, उसे अनुग्रह और आशीष देने से,
  • बल्कि उसकी वफादारी प्रकट करने के लिए
  • उसकी आज़ादी और सम्भावनाओं को ले लेने से।
  • विजय का कार्य यही है। विजय का कार्य यही है।
  • III
  • लेकिन अपने प्राणियों के प्रति परमेश्वर के रवैये में,
  • सिर्फ जीतने की खातिर विजय हासिल नहीं करता परमेश्वर।
  • बल्कि इन्सान को पाने, अपनी महिमा की खातिर,
  • मनुष्य की वास्तविक अनुरूपता पहले जैसी
  • करने की खातिर विजय पाता है परमेश्वर।
  • इन्सान की नियति और सम्भावना को दूर करके
  • उसके विद्रोही स्वभाव का न्याय करके, उसे ताड़ना दे के,
  • विजय कार्य अपना प्रभाव ऐसे हासिल करता है,
  • न की इन्सान से सौदेबाज़ी करने, उसे अनुग्रह और आशीष देने से,
  • बल्कि उसकी वफादारी प्रकट करने के लिए
  • उसकी आज़ादी और सम्भावनाओं को ले लेने से।
  • विजय का कार्य यही है। विजय का कार्य यही है।
  •  
  • "वचन देह में प्रकट होता है" से

      चमकती पूर्वी बिजली, सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया का सृजन सर्वशक्तिमान परमेश्वर के प्रकट होने और उनका काम, परमेश्वर यीशु के दूसरे आगमन, अंतिम दिनों के मसीह की वजह से किया गया था। यह उन सभी लोगों से बना है जो अंतिम दिनों में सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कार्य को स्वीकार करते हैं और उसके वचनों के द्वारा जीते और बचाए जाते हैं। यह पूरी तरह से सर्वशक्तिमान परमेश्वर द्वारा व्यक्तिगत रूप से स्थापित किया गया था और चरवाहे के रूप में उन्हीं के द्वारा नेतृत्व किया जाता है। इसे निश्चित रूप से किसी मानव द्वारा नहीं बनाया गया था। मसीह ही सत्य, मार्ग और जीवन है। परमेश्वर की भेड़ परमेश्वर की आवाज़ सुनती है। जब तक आप सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचनों को पढ़ते हैं, आप देखेंगे कि परमेश्वर प्रकट हो गए हैं।

अनुशंसित:मसीही गीत

शुक्रवार, 7 जून 2019

आज की आशीषों को तुम्हें संजोना चाहिए



  • I
  • जब ईश्वर हाथों से जग को ऊँचा करता है, लोग खुशी से झूमते हैं।
  • वे और दुखी नहीं रहते, वे उस पर निर्भर होते हैं।
  • जब ईश्वर अपना चेहरा छिपाता है, नीचे दबा कर लोगों को,
  • जल्द ही दम घुटता है उनका, मुश्किल से जीते हैं।
  • वे मृत्यु से डर कर परमेश्वर को पुकारते हैं।
  • क्योंकि वे देखना चाहते हैं वो दिन जब उसकी महिमा होगी।
  • ईश्वर ने कइयों को जग में भेजा और कइयों को निकाला है।
  • और ईश्वर के हाथों से कई गुज़रे।
  • कई आत्माएं अधोलोक में फेंकी गईं,
  • कई रहे हैं देह में, कई फिर से जन्मे हैं।
  • फिर भी कोई भी स्वर्ग के राज्य के आशीषों का आनंद न ले सका।
  • II
  • परमेश्वर का दिन परम है मानव के जीने के लिए।
  • उनमें तड़प है उसके महान दिन की, इसलिए वे जीवित हैं।
  • ईश्वर के मुँह से निकला आशीष है कि अंत के दिनों में,
  • लोग हैं ईश्वर की महिमा को निहारने के क़ाबिल।
  • समय के साथ छोड़ा जग को कइयों ने अनिच्छा और मायूसी से,
  • और कई आए दुनिया में आशा और आस्था के साथ।
  • ईश्वर ने कइयों को जग में भेजा और कइयों को निकाला है।
  • और ईश्वर के हाथों से कई गुज़रे।
  • कई आत्माएं अधोलोक में फेंकी गईं,
  • कई रहे हैं देह में, कई फिर से जन्मे हैं।
  • फिर भी कोई भी स्वर्ग के राज्य के आशीषों का आनंद न ले सका।
  •  
  • "वचन देह में प्रकट होता है" से
      चमकती पूर्वी बिजली, सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया का सृजन सर्वशक्तिमान परमेश्वर के प्रकट होने और उनका काम, परमेश्वर यीशु के दूसरे आगमन, अंतिम दिनों के मसीह की वजह से किया गया था। यह उन सभी लोगों से बना है जो अंतिम दिनों में सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कार्य को स्वीकार करते हैं और उसके वचनों के द्वारा जीते और बचाए जाते हैं। यह पूरी तरह से सर्वशक्तिमान परमेश्वर द्वारा व्यक्तिगत रूप से स्थापित किया गया था और चरवाहे के रूप में उन्हीं के द्वारा नेतृत्व किया जाता है। इसे निश्चित रूप से किसी मानव द्वारा नहीं बनाया गया था। मसीह ही सत्य, मार्ग और जीवन है। परमेश्वर की भेड़ परमेश्वर की आवाज़ सुनती है। जब तक आप सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचनों को पढ़ते हैं, आप देखेंगे कि परमेश्वर प्रकट हो गए हैं।

गुरुवार, 6 जून 2019

मसीह जो अभिव्यक्त करता है वो आत्मा है




  • I
  • मानव का सार जानता है देहधारी परमेश्वर,
  • प्रकट करता है वो सब जो लोग करते हैं,
  • मानव के भ्रष्ट स्वभाव, विद्रोही आचरण को,
  • और भी बेहतर प्रकट करता है।
  • वो नहीं रहता सांसारिक लोगों के साथ,
  • पर जानता है उनकी प्रकृति और भ्रष्टाचार।
  • ये उसका स्वरूप है।
  • हालांकि वो दुनिया के साथ व्यवहार नहीं करता,
  • फिर भी वो जानता है दुनिया से जुड़ने का हर एक नियम।
  • क्योंकि वो समझता है मानवजाति को,
  • उसकी प्रकृति को पूर्ण रूप से।
  • II
  • आत्मा के वर्तमान और अतीत के
  • कार्य के बारे में वो जानता है,
  • जो मानव की आँखें नहीं देख सकतीं,
  • जो मानव के कान नहीं सुन सकते हैं।
  • ये दर्शाता है चमत्कार जो मानव नहीं समझ सकता,
  • और बुद्धि जो फ़लसफ़ा नहीं है।
  • ये उसका स्वरूप है,
  • मानव से छुपा और प्रकाशित भी।
  • उसकी अभिव्यक्ति किसी असाधारण मानव सी नहीं,
  • बल्कि अंतर्निहित अस्तित्व
  • और आत्मा का गुण है।
  • III
  • वो दुनिया की यात्रा नहीं करता,
  • फिर भी इसके बारे में वो सब जानता है।
  • वो मिलता उनसे ज्ञान, अंतर्दृष्टि नहीं जिनमें,
  • फिर भी उसके वचन महान लोगों से ऊपर हैं।
  • वो नासमझ और सुन्न लोगों के बीच रहता है,
  • जो नहीं जानते मानव की परम्पराओं को या कैसे जीते हैं।
  • पर वो कह सकता है उन्हें सच्चा मानवीय जीवन जीने के लिए,
  • प्रकट करते हुए, वे कितने नीच, कितने अधम हैं!
  • ये उसका स्वरूप है,
  • ख़ून और देह के लोगों से भी ऊँचा।
  • मानव का ख़ुलासा और न्याय करना उसके अनुभव से नहीं है।
  • जान कर, नफ़रत कर मानव की अवज्ञा से,
  • उनके अधर्म का वो प्रकाशन करता है।
  • उसका किया कार्य प्रकाशित करता है
  • उसका स्वभाव और अस्तित्व मानव के समक्ष।
  • मसीह को छोड़ कोई देह ऐसा कार्य नहीं कर सकता।
  •  
  • "वचन देह में प्रकट होता है" से

      चमकती पूर्वी बिजली, सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया का सृजन सर्वशक्तिमान परमेश्वर के प्रकट होने और उनका काम, परमेश्वर यीशु के दूसरे आगमन, अंतिम दिनों के मसीह की वजह से किया गया था। यह उन सभी लोगों से बना है जो अंतिम दिनों में सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कार्य को स्वीकार करते हैं और उसके वचनों के द्वारा जीते और बचाए जाते हैं। यह पूरी तरह से सर्वशक्तिमान परमेश्वर द्वारा व्यक्तिगत रूप से स्थापित किया गया था और चरवाहे के रूप में उन्हीं के द्वारा नेतृत्व किया जाता है। इसे निश्चित रूप से किसी मानव द्वारा नहीं बनाया गया था। मसीह ही सत्य, मार्ग और जीवन है। परमेश्वर की भेड़ परमेश्वर की आवाज़ सुनती है। जब तक आप सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचनों को पढ़ते हैं, आप देखेंगे कि परमेश्वर प्रकट हो गए हैं।

बुधवार, 5 जून 2019

परमेश्वर लोगों की अगुवाई जीवन के सही मार्ग की ओर कर रहा है



  • I
  • आज के दिन, तुम सब ये जानते हो कि परमेश्वर लोगों की अगुवाई
  • जीवन की सही राह की ओर कर रहा है।
  • वो इस पुराने अंधकारमय युग को छोड़
  • नये युग में जाने के लिए अगला कदम,
  • उठाने में मानव की अगुवाई कर रहा है।
  • वो लोगों की देह से बाहर,
  • अंधकारमय शक्तियों और शैतान के प्रभाव
  • से बाहर आने के लिए अगुवाई कर रहा है
  • ताकि हर एक व्यक्ति जी सके एक आज़ादी की दुनिया में।
  • खूबसूरत से कल के लिए,
  • ताकि लोग हों हर कदम में साहसी,
  • मानव के लिए पवित्रात्मा सब योजना बनाता है।
  • और ताकि मानव और ज़्यादा आनंदित हो सके,
  • परमेश्वर देह में अपनी सारी कोशिशें मानव की
  • आगे की राह को बनाने में लगाता है,
  • तेज़ी से उस दिन के आगमन को लाता है जिसकी मानव इच्छा रखता है।
  • II
  • है कामना कि तुम सब इस खूबसूरत से पल का आनंद लो।
  • परमेश्वर से मिलना आसान नहीं।
  • हालांकि तुम कभी उसे जाने नहीं,
  • तुम पहले से ही साथ रहे हो उसके
  • लंबे समय से, लंबे समय से।
  • यदि केवल सब याद कर सकें
  • इन सुंदर, अस्थायी दिनों को, करें याद सदा के लिए,
  • ताकि वे इन्हें कभी न भूलें और बनाएं धरती पर इन्हें अपना ख़ज़ाना।
  • खूबसूरत से कल के लिए,
  • ताकि लोग हों हर कदम में साहसी,
  • मानव के लिए पवित्रात्मा सब योजना बनाता है।
  • और ताकि मानव और ज़्यादा आनंदित हो सके,
  • परमेश्वर देह में अपनी सारी कोशिशें मानव की
  • आगे की राह को बनाने में लगाता है,
  • तेज़ी से उस दिन के आगमन को लाता है जिसकी मानव इच्छा रखता है।
  •  
  • "वचन देह में प्रकट होता है" से

      चमकती पूर्वी बिजली, सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया का सृजन सर्वशक्तिमान परमेश्वर के प्रकट होने और उनका काम, परमेश्वर यीशु के दूसरे आगमन, अंतिम दिनों के मसीह की वजह से किया गया था। यह उन सभी लोगों से बना है जो अंतिम दिनों में सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कार्य को स्वीकार करते हैं और उसके वचनों के द्वारा जीते और बचाए जाते हैं। यह पूरी तरह से सर्वशक्तिमान परमेश्वर द्वारा व्यक्तिगत रूप से स्थापित किया गया था और चरवाहे के रूप में उन्हीं के द्वारा नेतृत्व किया जाता है। इसे निश्चित रूप से किसी मानव द्वारा नहीं बनाया गया था। मसीह ही सत्य, मार्ग और जीवन है। परमेश्वर की भेड़ परमेश्वर की आवाज़ सुनती है। जब तक आप सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचनों को पढ़ते हैं, आप देखेंगे कि परमेश्वर प्रकट हो गए हैं।

मंगलवार, 4 जून 2019

हटा दिया जाएगा उन्हें जो नहीं करते परमेश्वर के वचनों का अभ्यास



  • I
  • तुम्हारे स्वभाव में तब्दीली लाना है
  • परमेश्वर के काम और वचन का अभिप्राय।
  • महज़ इसे समझाना या पहचान कराना
  • मकसद नहीं है उसका।
  • इतना काफ़ी नहीं है, और यही सब-कुछ नहीं है।
  • तुम ग्रहण कर सको अगर,
  • तो आसान है समझना परमेश्वर के वचन।
  • क्योंकि इंसानी ज़बान में लिखे हैं अधिकतर वचन।
  • जो परमेश्वर चाहता है कि तुम जानो और करो,
  • वो है ऐसा जो सामान्य इन्सान समझ सकता।
  • इंसान परमेश्वर के वचनों में, हर तरह के सत्य का अनुभव करे।
  • वो विस्तार से खोजे और जाँचे इसे।
  • जो भी मिल जाए उसे लेने का इंतज़ार न करे,
  • वरना मुफ़्तख़ोर के सिवा कुछ न होगा वो।
  • जानता हो परमेश्वर के वचन के सत्य को, मगर अमल में न लाए वो,
  • तो इसे प्रेम नहीं करता वो, आख़िरकार हटा दिया जाएगा उसको।
  • II
  • परमेश्वर जो कहता है अब साफ़ है।
  • ये पारदर्शी और सुबोध है।
  • बहुत-सी चीज़ों पर ध्यान दिलाता है परमेश्वर
  • जो सोची नहीं हैं इंसान ने।
  • इंसान के अलग-अलग हालात ज़ाहिर करता है वो।
  • सबको अंगीकार करते हैं परमेश्वर के वचन।
  • पूर्णमासी के चाँद की रोशनी की तरह साफ़ हैं वो।
  • बहुत से मामलों को समझ सकता है इंसान।
  • परमेश्वर के वचन को अमल में लाने की
  • कोशिश करे इंसान।
  • बस यही कमी है असल में इंसान में।
  • इंसान परमेश्वर के वचनों में, हर तरह के सत्य का अनुभव करे।
  • वो विस्तार से खोजे और जाँचे इसे।
  • जो भी मिल जाए उसे लेने का इंतज़ार न करे,
  • वरना मुफ़्तख़ोर के सिवा कुछ न होगा वो।
  • जानता हो परमेश्वर के वचन के सत्य को, मगर अमल में न लाए वो,
  • तो इसे प्रेम नहीं करता वो, आख़िरकार हटा दिया जाएगा उसको।
  •  
  • "वचन देह में प्रकट होता है" से

      चमकती पूर्वी बिजली, सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया का सृजन सर्वशक्तिमान परमेश्वर के प्रकट होने और उनका काम, परमेश्वर यीशु के दूसरे आगमन, अंतिम दिनों के मसीह की वजह से किया गया था। यह उन सभी लोगों से बना है जो अंतिम दिनों में सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कार्य को स्वीकार करते हैं और उसके वचनों के द्वारा जीते और बचाए जाते हैं। यह पूरी तरह से सर्वशक्तिमान परमेश्वर द्वारा व्यक्तिगत रूप से स्थापित किया गया था और चरवाहे के रूप में उन्हीं के द्वारा नेतृत्व किया जाता है। इसे निश्चित रूप से किसी मानव द्वारा नहीं बनाया गया था। मसीह ही सत्य, मार्ग और जीवन है। परमेश्वर की भेड़ परमेश्वर की आवाज़ सुनती है। जब तक आप सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचनों को पढ़ते हैं, आप देखेंगे कि परमेश्वर प्रकट हो गए हैं।

सदोम की भ्रष्टताः मुनष्यों को क्रोधित करने वाली, परमेश्वर के कोप को भड़काने वाली

सर्वप्रथम, आओ हम पवित्र शास्त्र के अनेक अंशों को देखें जो "परमेश्वर के द्वारा सदोम के विनाश" की व्याख्या करते हैं। (उत्पत्ति 19...