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बुधवार, 12 जून 2019

परमेश्वर में आस्था की सर्वोच्च प्राथमिकता

  • I
  • परमेश्वर जो करता है उसे समझने का प्रयास करो,
  • परमेश्वर के पक्ष में खड़े रहकर,
  • उसके वचनों के ज़रिये चीज़ों को देखो।
  • इस तरह नज़रिया तुम्हारा सही होगा।
  • इस तरह नज़रिया तुम्हारा सही होगा।
  • II
  • जो कुछ भी तुम करते हो उसे,
  • परमेश्वर के संग अपने सामान्य रिश्ते से तौलो।
  • गर परमेश्वर के संग रिश्ते सामान्य हैं तुम्हारे,
  • इरादे सही हैं तुम्हारे तो उस काम को करो।
  • परमेश्वर के संग रिश्ते सामान्य बनाए रखने के लिये,
  • तुम डर नहीं सकते इस बात से, कहीं नुकसान न हो।
  • परमेश्वर के संग कायम करना अच्छे रिश्ते,
  • होनी चाहिये सर्वोच्च प्राथमिकता उसकी
  • जिसे विश्वास है परमेश्वर में।
  • यही सबसे अहम काम होना चाहिये सबके लिये,
  • सबसे अहम काम होना चाहिये ज़िंदगी में सबके लिये।
  • III
  • तुम शैतान को इजाज़त दे नहीं सकते, वो हावी हो तुम पर,
  • काबू करे तुम्हें, हँसी का पात्र बनाए तुम्हें।
  • ऐसा इरादा निशानी है कि
  • परमेश्वर के संग रिश्ते सामान्य हैं तुम्हारे।
  • देह के लिये नहीं, है ये आत्मा की शांति के लिये।
  • परमेश्वर की इच्छा को पूरा करने की ख़ातिर,
  • है ये पवित्र आत्मा के कार्य को पाने के लिये।
  • IV
  • सही स्थिति में प्रवेश के लिए,
  • परमेश्वर के संग रिश्ता तुम्हें मज़बूत बनाना होगा।
  • परमेश्वर में विश्वास का नज़रिया अपना दुरुस्त करना होगा।
  • ये परमेश्वर को अनुमति देना है वो प्राप्त करे तुम्हें,
  • अपने वचनों के फल प्रकट करे तुम में।
  • परमेश्वर को अनुमति देना कि वो और अधिक प्रबुद्ध करे तुम्हें।
  • इस तरह सही रीति में प्रवेश करोगे तुम।
  • V
  • खाते-पीते रहो परमेश्वर के मौजूदा वचनों को।
  • पवित्र आत्मा के काम के वर्तमान मार्ग में प्रवेश करो।
  • पुरानी प्रथाओं और तौर-तरीकों पर चलने के बजाय,
  • परमेश्वर की आज की अपेक्षाओं के अनुरूप कार्य करो।
  • इस तरह, परमेश्वर के संग होंगे रिश्ते सामान्य तुम्हारे।
  • और परमेश्वर में विश्वास के सही मार्ग पर होगे तुम।
  • परमेश्वर के संग कायम करना अच्छे रिश्ते,
  • होनी चाहिये सर्वोच्च प्राथमिकता उसकी
  • जिसे विश्वास है परमेश्वर में।
  • यही सबसे अहम काम होना चाहिये सबके लिये,
  • सबसे अहम काम होना चाहिये ज़िंदगी में सबके लिये।
  •  
  • "वचन देह में प्रकट होता है" से
      चमकती पूर्वी बिजली, सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया का सृजन सर्वशक्तिमान परमेश्वर के प्रकट होने और उनका काम, परमेश्वर यीशु के दूसरे आगमन, अंतिम दिनों के मसीह की वजह से किया गया था। यह उन सभी लोगों से बना है जो अंतिम दिनों में सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कार्य को स्वीकार करते हैं और उसके वचनों के द्वारा जीते और बचाए जाते हैं। यह पूरी तरह से सर्वशक्तिमान परमेश्वर द्वारा व्यक्तिगत रूप से स्थापित किया गया था और चरवाहे के रूप में उन्हीं के द्वारा नेतृत्व किया जाता है। इसे निश्चित रूप से किसी मानव द्वारा नहीं बनाया गया था। मसीह ही सत्य, मार्ग और जीवन है। परमेश्वर की भेड़ परमेश्वर की आवाज़ सुनती है। जब तक आप सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचनों को पढ़ते हैं, आप देखेंगे कि परमेश्वर प्रकट हो गए हैं।

रविवार, 19 मई 2019

वह संकल्प जो मोआब की संतानों के पास होना चाहिए



  • I
  • मोआब की संतानों से नहीं कोई
  • अधिक पिछड़ा और भ्रष्ट।
  • वो परमेश्वर को स्वीकारते नहीं।
  • इसलिए केवल जब इन पर पाई जा सके विजय,
  • केवल जब ये कर सकें प्रेम परमेश्वर को,
  • केवल जब वो कर सकें उसकी स्तुति,
  • तभी होगी वो गवाही विजय की, विजय की।
  • अंत में तू कहेगा, "हम हैं शापित,
  • हम हैं संतान मोअब की।
  • इसे तो हम बदल, बदल सकते नहीं,
  • क्योंकि ये थी आज्ञा परमेश्वर की, परमेश्वर की।
  • लेकिन हमारा जीना और ज्ञान बदल सकता है,
  • परमेश्वर को संतुष्ट करने के लिए हम हैं संकल्पित,
  • परमेश्वर को संतुष्ट करने के लिए हम हैं संकल्पित।"
  • II
  • ये सच है कि तुम लोग पतरस नहीं,
  • लेकिन जी सकते हो तुम पतरस की छवि,
  • अय्यूब और पतरस के समान दे सकते हो गवाही।
  • यही है सबसे बड़ी गवाही।
  • अंत में तू कहेगा, "हम तो इस्राएली नहीं।
  • हम हैं त्यागी गईं संतानें मोअब की।
  • हम परमेश्वर के आशीषों के योग्य नहीं।"
  • अंत में तू कहेगा, "हम हैं शापित,
  • हम हैं संतान मोअब की।
  • इसे तो हम बदल सकते नहीं,
  • क्योंकि ये थी आज्ञा परमेश्वर की, परमेश्वर की।
  • लेकिन हमारा जीना और ज्ञान बदल सकता है,
  • परमेश्वर को संतुष्ट करने के लिए हम हैं संकल्पित,
  • परमेश्वर को संतुष्ट करने के लिए हम हैं संकल्पित।"
  • III
  • "हम पतरस नहीं, हममें उसकी योग्यता नहीं।
  • हम अय्यूब नहीं, हममें पौलुस का संकल्प नहीं।
  • परमेश्वर को जितना समर्पण किया पौलुस ने,
  • पौलुस ने उतना हम कर सकते नहीं, कर सकते नहीं।
  • लेकिन फिर भी आज हमें उठाया है परमेश्वर ने, परमेश्वर ने।
  • तो हमें संतुष्ट करना है परमेश्वर को, परमेश्वर को, और हैं हम तैयार भी।
  • हम योग्य नहीं, लेकिन संकल्पित हैं हम फिर भी,
  • और हैं हम तैयार, और हैं हम तैयार।"
  • अंत में तू कहेगा, "हम हैं शापित,
  • हम हैं संतान मोअब की।
  • इसे तो हम बदल, बदल सकते नहीं,
  • क्योंकि ये थी आज्ञा परमेश्वर की, परमेश्वर की।
  • लेकिन हमारा जीना और ज्ञान बदल सकता है,
  • परमेश्वर को संतुष्ट करने के लिए हम हैं संकल्पित,
  • परमेश्वर को संतुष्ट करने के लिए हम हैं संकल्पित।"
  •  
  • "वचन देह में प्रकट होता है" से

       चमकती पूर्वी बिजली, सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया का सृजन सर्वशक्तिमान परमेश्वर के प्रकट होने और उनका काम, परमेश्वर यीशु के दूसरे आगमन, अंतिम दिनों के मसीह की वजह से किया गया था। यह उन सभी लोगों से बना है जो अंतिम दिनों में सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कार्य को स्वीकार करते हैं और उसके वचनों के द्वारा जीते और बचाए जाते हैं। यह पूरी तरह से सर्वशक्तिमान परमेश्वर द्वारा व्यक्तिगत रूप से स्थापित किया गया था और चरवाहे के रूप में उन्हीं के द्वारा नेतृत्व किया जाता है। इसे निश्चित रूप से किसी मानव द्वारा नहीं बनाया गया था। मसीह ही सत्य, मार्ग और जीवन है। परमेश्वर की भेड़ परमेश्वर की आवाज़ सुनती है। जब तक आप सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचनों को पढ़ते हैं, आप देखेंगे कि परमेश्वर प्रकट हो गए हैं।

सोमवार, 29 अप्रैल 2019

परमेश्वर की सारी सृष्टि उसकी प्रभुता के अधीन होनी चाहिए


Hindi Worship Song | परमेश्वर की सारी सृष्टि उसकी प्रभुता के अधीन होनी चाहिए | How Great Is Our God



और इसलिए वह सृष्टि को लेता है,
अधीन अपने, और झुकाता आगे अपने प्रभुत्व के।
आदेश वो देता है सब को, हाथों में लेकर नियंत्रण।
जीव-जंतु, पहाड़, नदी, और मानव को अधीन उसके आना होगा।
चीज़ें जो आसमाँ और धरती पर हैं,
परमेश्वर के प्रभुत्व के अधीन सभी को आना है।
करना होगा समर्पण, विकल्प के बिना।
है आज्ञा यही परमेश्वर की और उसका है अधिकार।
परमेश्वर ने बनाया सब कुछ,
और इसलिए वह सृष्टि को लेता है,
अधीन अपने, और झुकाता आगे अपने प्रभुत्व के।
परमेश्वर की आज्ञा से है सब कुछ।
वो दे क्रम और दे वो सबको स्थान,
प्रकार के अनुसार मिले वर्ग
और परमेश्वर की इच्छा से मिलता है पद।
चीज़ें जो आसमाँ और धरती पर हैं,
परमेश्वर के प्रभुत्व के अधीन सभी को आना है।
करना होगा समर्पण, विकल्प के बिना।
है आज्ञा यही परमेश्वर की और उसका है अधिकार।
चाहे जितना ही कुछ भी हो महान,
परमेश्वर की प्रभुत्व के पार जा सकेगा नहीं।
ईश्वर द्वारा रचे मानव की सब सेवा करते,
अवज्ञा करने या मांगने की न हिम्मत करे।
ईश्वर के द्वारा रचे मानव को पालन कर्तव्यों का है करना।
चाहे मानव प्रभु हो या हो शासक सब चीज़ों का,
चाहे जितना हो रुतबा ऊँचा,
परमेश्वर के अधीन मानव छोटा सा है।
एक तुच्छ सा प्राणी है, परमेश्वर की सृष्टि,
कभी परमेश्वर से ऊपर न होगा।
"मेमने का अनुसरण करना और नए गीत गाना" से



चमकती पूर्वी बिजली, सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया का सृजन सर्वशक्तिमान परमेश्वर के प्रकट होने और उनका काम, परमेश्वर यीशु के दूसरे आगमन, अंतिम दिनों के मसीह की वजह से किया गया था। यह उन सभी लोगों से बना है जो अंतिम दिनों में सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कार्य को स्वीकार करते हैं और उसके वचनों के द्वारा जीते और बचाए जाते हैं। यह पूरी तरह से सर्वशक्तिमान परमेश्वर द्वारा व्यक्तिगत रूप से स्थापित किया गया था और चरवाहे के रूप में उन्हीं के द्वारा नेतृत्व किया जाता है। इसे निश्चित रूप से किसी मानव द्वारा नहीं बनाया गया था। मसीह ही सत्य, मार्ग और जीवन है। परमेश्वर की भेड़ परमेश्वर की आवाज़ सुनती है। जब तक आप सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचनों को पढ़ते हैं, आप देखेंगे कि परमेश्वर प्रकट हो गए हैं।

सदोम की भ्रष्टताः मुनष्यों को क्रोधित करने वाली, परमेश्वर के कोप को भड़काने वाली

सर्वप्रथम, आओ हम पवित्र शास्त्र के अनेक अंशों को देखें जो "परमेश्वर के द्वारा सदोम के विनाश" की व्याख्या करते हैं। (उत्पत्ति 19...