- I
- जब ईश्वर हाथों से जग को ऊँचा करता है, लोग खुशी से झूमते हैं।
- वे और दुखी नहीं रहते, वे उस पर निर्भर होते हैं।
- जब ईश्वर अपना चेहरा छिपाता है, नीचे दबा कर लोगों को,
- जल्द ही दम घुटता है उनका, मुश्किल से जीते हैं।
- वे मृत्यु से डर कर परमेश्वर को पुकारते हैं।
- क्योंकि वे देखना चाहते हैं वो दिन जब उसकी महिमा होगी।
- ईश्वर ने कइयों को जग में भेजा और कइयों को निकाला है।
- और ईश्वर के हाथों से कई गुज़रे।
- कई आत्माएं अधोलोक में फेंकी गईं,
- कई रहे हैं देह में, कई फिर से जन्मे हैं।
- फिर भी कोई भी स्वर्ग के राज्य के आशीषों का आनंद न ले सका।
- II
- परमेश्वर का दिन परम है मानव के जीने के लिए।
- उनमें तड़प है उसके महान दिन की, इसलिए वे जीवित हैं।
- ईश्वर के मुँह से निकला आशीष है कि अंत के दिनों में,
- लोग हैं ईश्वर की महिमा को निहारने के क़ाबिल।
- समय के साथ छोड़ा जग को कइयों ने अनिच्छा और मायूसी से,
- और कई आए दुनिया में आशा और आस्था के साथ।
- ईश्वर ने कइयों को जग में भेजा और कइयों को निकाला है।
- और ईश्वर के हाथों से कई गुज़रे।
- कई आत्माएं अधोलोक में फेंकी गईं,
- कई रहे हैं देह में, कई फिर से जन्मे हैं।
- फिर भी कोई भी स्वर्ग के राज्य के आशीषों का आनंद न ले सका।
- "वचन देह में प्रकट होता है" से
चमकती पूर्वी बिजली, सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया का सृजन सर्वशक्तिमान परमेश्वर के प्रकट होने और उनका काम, परमेश्वर यीशु के दूसरे आगमन, अंतिम दिनों के मसीह की वजह से किया गया था। यह उन सभी लोगों से बना है जो अंतिम दिनों में सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कार्य को स्वीकार करते हैं और उसके वचनों के द्वारा जीते और बचाए जाते हैं। यह पूरी तरह से सर्वशक्तिमान परमेश्वर द्वारा व्यक्तिगत रूप से स्थापित किया गया था और चरवाहे के रूप में उन्हीं के द्वारा नेतृत्व किया जाता है। इसे निश्चित रूप से किसी मानव द्वारा नहीं बनाया गया था। मसीह ही सत्य, मार्ग और जीवन है। परमेश्वर की भेड़ परमेश्वर की आवाज़ सुनती है। जब तक आप सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचनों को पढ़ते हैं, आप देखेंगे कि परमेश्वर प्रकट हो गए हैं।
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