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शुक्रवार, 19 अक्टूबर 2018

2. परमेश्वर द्वारा विभिन्न युगों के दौरान उपयोग में लाये गए लोगों के शब्दों, जो सत्य से मेल खाते हैं, और परमेश्वर के वचनों में क्या अंतर है?

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:

सत्य मानव संसार से आता है, फिर भी वह सत्य जो मनुष्य के मध्य है उसे मसीह के द्वारा पहुंचाया गया है। इसका उद्गम मसीह से होता है, अर्थात्, स्वयं परमेश्वर से, और इसे मनुष्य के द्वारा अर्जित नहीं किया जा सकता है।
"वचन देह में प्रकट होता है" से "सफलता या असफलता उस पथ पर निर्भर होती है जिस पर मनुष्य चलता है" से

मंगलवार, 21 अगस्त 2018

"परमेश्वर मूल्यवान मानता है उनको जो उसकी सुनते और उसका आदेश मानते हैं"



Hindi Christian Music 2018 | "परमेश्वर मूल्यवान मानता है उनको जो उसकी सुनते और उसका आदेश मानते हैं"

 परमेश्वर को नहीं फर्क पड़ता हो मनुष्य नम्र या महान। 
 जब तक वह सुनता है परमेश्वर की, 
 मानता है परमेश्वर के आदेश और जो सौंपता है परमेश्वर, 
 जुड़ा रहता है उसके कार्य, उसकी योजना और उसकी इच्छा से,
 जिससे कि उसकी इच्छा और योजना बढ़ सकें बिना अड़चन के, 
 ऐसे कार्य हैं योग्य, योग्य परमेश्वर की स्मृति के, 
 और हैं योग्य प्राप्ति के, प्राप्ति उसके आशीष की। 

गुरुवार, 19 जुलाई 2018

परमेश्वर का प्रेम सर्वाधिक यथार्थ है

परमेश्वर का प्रेम सर्वाधिक यथार्थ है

वेंझोंग बीजिंग शहर

11 अगस्त 2012



21 जुलाई 2012 की रात को हमारे यहाँ एक भयावह बाढ़ आई थी। इस प्रकार की दुर्घटनाएं कभी कभी ही घटित होती है। मैंने इस दुर्घटना के दौरान क्या अनुभव किया और मैंने क्या देखा; उन सभी लोगों को बताना चाहती हूँ जो लोग परमेश्वर के लिए लालायित रहते हैं।

सदोम की भ्रष्टताः मुनष्यों को क्रोधित करने वाली, परमेश्वर के कोप को भड़काने वाली

सर्वप्रथम, आओ हम पवित्र शास्त्र के अनेक अंशों को देखें जो "परमेश्वर के द्वारा सदोम के विनाश" की व्याख्या करते हैं। (उत्पत्ति 19...