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रविवार, 30 दिसंबर 2018

परमेश्वर के वचनों ने मुझे जगा दिया है

22. परमेश्वर के वचनों ने मुझे जगा दिया है

मियाओ ज़ियाओ ज़िनान शहर, शैंडॉन्ग प्रांत
अतीत में, मैं हमेशा सोचा करती थी जब परमेश्वर ने कहा था कि "एक कठपुतली और ग़द्दार हो जो महान श्वेत सिंहासन से दूर भाग रहा है" तो वह उन लोगों का उल्लेख कर रहा था जो कार्य के इस चरण को स्वीकार करते हें लेकिन अंत में पीछे हट जाते हैं क्योंकि वे उसकी ताड़ना और न्याय सहने के अनिच्छुक होते हैं। इसलिए, जब भी मैं भाइयों और बहनों को किसी भी कारण से इस मार्ग से पीछे हटते हुए देखती थी, तो मेरा दिल उनके प्रति तिरस्कार से भर जाया करता था: बड़े सफेद सिंहासन से एक और कठपुतली और कपटी भाग गया जो परमेश्वर का दंड प्राप्त करेगा। इसी के साथ, मुझे यह लगता था कि मैं परमेश्वर के न्याय को स्वीकार में उचित रूप से व्यवहार कर रही हूँ और परमेश्वर का उद्धार पाने से बहुत दूर नहीं हूँ।

शनिवार, 29 दिसंबर 2018

जीवन और मृत्यु की एक जंग

21. जीवन और मृत्यु की एक जंग

चैंग मोयांग ज़ेंगज़ो सिटी, हेनान प्रदेश
"जब तू अपने देह के विरूद्ध विद्रोह करता है, तो तेरे भीतर निश्चय ही एक युद्ध होगा। शैतान कोशिश करेगा और तुझे इसका अनुसरण करने के लिए बाध्य करेगा, तुझसे देह की धारणाओं का अनुसरण करवाने के लिए कोशिश करेगा और देह के हितों को बनाए रखेगा—परन्तु परमेश्वर के वचन तुझे प्रबुद्ध करेंगे और तेरे भीतर रोशनी प्रदान करेंगे, और इस समय यह तुझ पर निर्भर करता है कि तू परमेश्वर का अनुसरण करे या फिर शैतान का अनुसरण करे। परमेश्वर लोगों को कहता है कि सत्य को अभ्यास में लाओ ताकि मुख्य तौर पर अपने भीतर की चीज़ों से ठीक तरह से निपट सको, अपने विचारों, और उनकी धारणाओं से निपट सको जो परमेश्वर के हृदय के अनुसार नहीं हैं।

शुक्रवार, 28 दिसंबर 2018

अहंकार का कड़वा फल

17. अहंकार का कड़वा फल

हू किंग सुज़ोउ शहह, अन्हुई प्रांत
जब मैंने परमेश्वर के वचनों को यह कहते हुए देखा: "आपमें से वे लोग जो मार्गदर्शक के रूप में सेवा करते हैं, वे हमेशा अधिक चतुरता प्राप्त करना चाहते हैं, बाकी सब से श्रेष्ठ बनना चाहते हैं, नई तरकीबें पाना चाहते हैं ताकि परमेश्वर देख सकें कि आप लोग वास्तव में कितने महान मार्गदर्शक हैं। … आप लोग हमेशा दिखावा करना चाहते हैं; क्या यह निश्चित रूप से एक अहंकारी प्रकृति का प्रकटन नहीं है?" ("मसीह की बातचीतों के अभिलेख" से "सत्य के बिना परमेश्वर को अपमानित करना आसान है" से)। तो मैंने खुद से सोचा: चतुर नई चालें ढूँढने की कोशिश करने का ऐसा उत्साह किसके पास है? कौन नहीं जानता है कि परमेश्वर का स्वभाव मनुष्य के अपमान को बर्दाश्त नहीं करता है? मैं निश्चित रूप से हिम्मत नहीं करूँगी! मैं व्यक्तिगत रूप से मानती थी कि मेरे पास परमेश्वर के लिए श्रद्धा से भरा दिल है, और अपने काम में, मैंने चालें ढूँढने की कोशिश करने की हिम्मत नहीं की।

गुरुवार, 27 दिसंबर 2018

बेड़ियों को तोड़ना

16. बेड़ियों को तोड़ना

झेंग्ज़ी झेंगझोउ शहर, हेनान प्रांत
दस साल पहले, अपनी अहंकारी प्रकृति के कारण, मैं कभी भी कलीसिया की व्यवस्थाओं का पूरी तरह से पालन करने में सक्षम नहीं थी। अगर मुझे उपयुक्त लगा तो मैं उसका पालन करती थी, लेकिन अगर मुझे नहीं लगा तो मैं चुना करती थी कि उसका पालन करना है या नहीं। इसके परिणामस्वरूप अपने कर्तव्य को पूरा करने के दौरान कार्य की व्यवस्थाओं का गंभीरता से उल्लंघन होता था। मैं अपने खुद के काम करती थी और परमेश्वर के स्वभाव का अपमान करती थी, और बाद में मुझे घर भेज दिया गया था। अनेक वर्षों तक आत्म-चिंतन के बाद, मुझे खुद की प्रकृति का कमोबेश कुछ ज्ञान मिल गया था, लेकिन सत्य के उस पहलू के संदर्भ में जो कि परमेश्वर का सार है, मुझे अभी भी ज्यादा ज्ञान नहीं था। बाद में, कलीसिया ने मुझे एक और मौका दिया, लेकिन जब मैं सुसमाचार के कार्य की प्रभारी थी, तो मुझे परमेश्वर के बारे में संदेह होना शुरू हो गया: मैं बहुत भ्रष्ट हूँ और मैंने परमेश्वर के स्वभाव का अपमान भी किया था।

बुधवार, 26 दिसंबर 2018

प्रकटनों पर मानव प्रकृति का आँकलन नहीं किया जा सकता है

14. प्रकटनों पर मानव प्रकृति का आँकलन नहीं किया जा सकता है

यांग रुई युसी शहर, शांग्जी प्रांत
एक दिन, अचानक मैंने सुना कि मेरे पिता को कलीसिया से निष्कासित कर दिया गया है। मैं उस समय बिल्कुल भौंचक्की रह गई थी और इसे समझ नहीं सकी थी। मेरे दिल में, मेरा पिता दुनिया का सबसे महान आदमी था। भले ही उनका गुस्सा बुरा है, फिर भी वह हम बहनों की अच्छी देखभाल करता था और कभी भी हमें मारता या डाँटता नहीं था। हमारे परिवार के संघर्षों के बावजूद, वह हमें कभी भी हमें रुष्ट नहीं होने देता था, चाहे उसे कितनी ही पीड़ाएँ क्यों न सहनी पड़ें। हमारे पूरे परिवार के परमेश्वर का कार्य स्वीकार कर लेने के बाद, मेरा पिता अपने कर्तव्य को पूरा करने में अग्रसक्रिय हो गया था, और अक्सर हमें भी हमारे खुद के कर्तव्यों को उचित रूप से पूरा करने के लिए प्रोत्साहित किया करता था।

मंगलवार, 25 दिसंबर 2018

कठिनाइयों के बीच परमेश्वर की इच्छा को समझना

13. कठिनाइयों के बीच परमेश्वर की इच्छा को समझना

ज़ियाओ रुई पैंज़िहुआ सिटी, सिचुआन प्रांत
जब मैं सुसमाचार का प्रचार कर रहा था, तो मेरा सामना विधर्मी अगुआओं से हुआ जो प्रतिरोध और गड़बड़ी करने के लिए झूठी गवाही देते थे, और पुलिस बुला लेते थे। इस वजह से जिन लोगों को मैं उपदेश दे रहा था वे हमारे संपर्क में आने की हिम्मत नहीं कर रहे थे, और जिन्होंने अभी-अभी सुसमाचार को स्वीकार किया था, वे परमेश्वर के कार्य में विश्वास करने में असमर्थ हो रहे थे। जब मैं बहुत मेहनत करता और फिर भी परिणाम बहुत ख़राब होते थे, तो मैंने सोचता था कि: इंजील के कार्य को संप न्न करना बहुत कठिन है। कितना अद्भुत होता यदि परमेश्वर ने बस कुछ चमत्कार दिखाये होते और उन लोगों को जो झूठी गवाही देते हैं और साथ ही उन लोगों को जो छले गए लोगों को दिखाने के लिए गंभीरता से परमेश्वर का विरोध करते हैं, दंड दिया होता।

सोमवार, 24 दिसंबर 2018

कलीसिया में कोई विशिष्ट व्यवहार नहीं है

12. कलीसिया में कोई विशिष्ट व्यवहार नहीं है

लिऊ ज़िन लिआओचेंग सिटी, शैंडॉन्ग प्रांत
इतने सालों तक परमेश्वर का अनुसरण करने के बाद, मुझे लगता था कि मैंने कुछ कष्ट सह लिए हैं और एक निश्चित कीमत चुका दी है, इसलिए मैंने धीरे-धीरे अपने पिछले फायदों को जीना और अपनी वरिष्ठता पर इतराना शुरू कर दिया था। मैं सोचती थी कि: मुझे अपना घर छोड़े हुए इतने साल हो गए हैं और एक लंबे समय से मेरे परिवार ने मेरी ओर से कोई खोज-खबर नहीं सुनी है। इन परिस्थितियों में, कलीसिया निश्चित रूप से मेरा ध्यान रखेगा। भले ही मैं अपना कार्य अच्छी तरह से नहीं करूँ तब भी वे मुझे वापस घर नहीं भेजेंगे। ज्याद से ज्यादा वे मुझे पद से हटा देंगे और मुझे करने के लिए कोई और काम दे देंगे। ऐसी सोच के कारण, मुझे अपने काम में कोई भी भार नहीं लगता था। मैं हर चीज पर ध्यान नहीं देती थी, और यहाँ तक कि मैं सुसमाचार के कार्य को भी बोझ की तरह ही देखती थी, हमेशा कठिनाइयों और बहानों में जीती थी।

रविवार, 23 दिसंबर 2018

व्यक्तिगत प्रतिशोध का स

11. व्यक्तिगत प्रतिशोध का स

झोउलीजिंटाईशहर, शान्डोंगप्रांत
कुछ समय पहले हमे अपने क्षेत्र में ज़िलों का चयन करना पड़ता था, और अगुआओं को चुनने के लिए हमारे सिद्धांतों के आधार पर एक भाई होता था जो तुलनात्मक तौर पर एक उपयुक्त उम्मीदवारहोता था। मैंने उसे ज़िले का अगुआ बनाने की तैयारी कर ली। एक दिन मैं जब इस भाई के साथ बातचीत कर रही थी;उसने उल्लेख किया कि वह ऐसा महसूस करता था कि मै अपने काम में अत्यधिक व्यस्त हो गयी थी, बहुत अधिक, और मेरे साथ बैठने में कुछ आनंद नहीं आ रहा था... जब मैंने यह सुना, मुझे लगा कि मैं बहुत घटिया हूँ। मुझे बहुत बुरा लगा; मैंने तुरंत ही इस भाई के लिए एक धारणा विकसित कर ली, और उसके बाद मैंने उसे ज़िला के अगुआ के रूप में आगे बढ़ाने की कोई योजना नहीं बनाई।

शनिवार, 22 दिसंबर 2018

परमेश्वर की सेवा करते समय नई चालाकियाँ मत ढूँढो

10. परमेश्वर की सेवा करते समय नई चालाकियाँ मत ढूँढो

हेयी झुआंघे सिटी, लिआओनिंग प्रांत
मुझे अभी-अभी कलीसिया के अगुआ का उत्तरदायित्व लेने के लिए पदोन्नत किया गया था। लेकिन कुछ अवधि तक की कठिन मेहनत के बाद, न केवल कलीसिया का इंजील का कार्य फीका पड़ गया था, बल्कि इंजील दल में मौजूद मेरे सभी भाई-बहन भी नकारात्मकता और कमज़ोरी में जी रहे थे। इस परिस्थिति का सामना करके, मैं अपनी भावनाओं को नियंत्रित नहीं रख सकी। मैं पृथ्वी पर इंजील के कार्य में नए प्राण भरने के लिए कैसे कार्य कर सकती थी? अपने दिमाग पर जोर डालने के बाद, अंतत: मेरे विचार में एक अच्छा समाधान आया: यदि मैं इंजील दल और चयनित उत्कृष्ट व्यक्तियों और आदर्श उपदेशकों के लिए मासिक पुरस्कार समारोह का आयोजन करूँ, जो भी परमेश्वर के लिए ज्यादा आत्माएँ जीतता है उसे पुरस्कृत किया जाए, और जो भी कम आत्माएँ जीतता है उसे चेतावनी दी जाए।

गुरुवार, 20 दिसंबर 2018

मैं परमेश्वर को जानने का मार्ग देखता हूँ

9. मैं परमेश्वर को जानने का मार्ग देखता हूँ

शिआओकाओ चांग्ज़ी सिटी, शांक्ज़ी प्रदेश
एक दिन, मैंने एक निबंध में परमेश्वर के वचन का निम्न अवतरण पढ़ा "पतरस ने यीशु को कैसे जाना": "यीशु का अनुसरण करने के दौरान, पतरस ने उसके जीवन के बारे में हर चीज़ का अवलोकन किया और उसे हृदय से लगाया: उसके कार्यों को, वचनों को, गतिविधियों को, और अभिव्यक्तियों को। … यीशु के साथ सम्पर्क में उसके समय से, पतरस ने यह भी महसूस किया कि उसका चरित्र किसी भी साधारण मनुष्य से भिन्न था। उसने हमेशा स्थिरता से कार्य किया, और कभी भी जल्दबाजी नहीं की, किसी भी विषय को बढ़ा-चढ़ा कर नहीं बताया, न ही कम करके आँका, और अपने जीवन को इस तरह से संचालित किया जो सामान्य और सराहनीय दोनों था।

बुधवार, 19 दिसंबर 2018

यह जानना कि मैं फरीसियों के मार्ग पर चलती आई हूँ

8. यह जानना कि मैं फरीसियों के मार्ग पर चलती आई हूँ

वुज़िन ताइयुआन सिटी, शांग्ज़ी प्रांत
कोई चीज़ जिसके बारे में हमने पिछले संवादों में हमेशा चर्चा की है, वह है पतरस और पौलुस द्वारा चले गए मार्ग। यह कहा जाता है कि पतरस ने स्वयं को और परमेश्वर को जानने पर ध्यान दिया था, और ऐसा व्यक्ति था जो परमेश्वर द्वारा अनुमोदित था, जबकि पौलुस ने केवल अपने कार्य, प्रतिष्ठा और हैसियत पर ध्यान दिया था, और ऐसा व्यक्ति था जो परमेश्वर द्वारा तिरस्कृत था। मैं पौलुस के मार्ग पर चलने से हमेशा डरते रही हूँ, इसी वजह से मैं आमतौर पर प्रायः पतरस के अनुभवों के बारे में परमेश्वर के वचनों को पढ़ती हूँ, ताकि यह देख सकूँ कि उसने परमेश्वर को कैसे जाना। कुछ समय तक ऐसे जीने के बाद, मुझे लगता था कि मैं पहले ही तुलना में ज्यादा आज्ञाकारी बन गई थी, प्रतिष्ठा और हैसियत के लिए मेरी इच्छा कम हो गई थी, और कि मैं स्वयं को थोड़ा-थोड़ा जानने लगी थी।

मंगलवार, 18 दिसंबर 2018

पतन से पहले की एक घमंडी आत्मा

7. पतन से पहले की एक घमंडी आत्मा

बाईशे शेन्यांग सिटी
किसी कार्य की आवश्यकता की वजह से, मेरा स्थानांतरण एक अन्य कार्यक्षेत्र में कर दिया गया था। उस समय, मैं परमेश्वर की बहुत आभारी थी। मुझे महसूस होता था कि मुझमें बहुत कमी है, फिर भी परमेश्वर के दिव्य प्रोत्साहन के माध्यम से, मुझे इस तरह के अद्भुत कार्य क्षेत्र में अपने कर्तव्यों को पूरा करने का मौका दिया गया था। मैंने अपने हृदय में परमेश्वर के प्रति एक प्रतिज्ञा की: मैं परमेश्वर को बदला चुकाने के लिए अपनी पूरी कोशिश करूँगी।

सोमवार, 17 दिसंबर 2018

इस प्रकार की सेवा सच में तिरस्करणीय है

6. इस प्रकार की सेवा सच में तिरस्करणीय है

डिंग निंग हेज़े सिटी, शैन्डॉन्ग प्रांत
पिछले कुछ दिनों में, कलीसिया ने मेरे कार्य में एक परिवर्तन की व्यवस्था की है। जब मुझे यह नया कार्यभार मिला, तो मैंने सोचा, "मुझे अपने भाई—बहनों के साथ एक सभा बुलाने, मामलों के बारे में साफ तौर पर उनसे बात करने, और उन पर अच्छा प्रभाव छोड़ने के लिए इस अंतिम अवसर को लेने की जरूरत है।" इसलिए, मैंने कई उपयाजकों से मुलाकात की, और हमारी मुलाकात की समाप्ति पर, मैंने कहा, "मुझसे यहाँ से चले जाने और एक अन्य कार्य पर जाने के लिए कहा गया है। मैं उम्मीद करती हूँ कि आप लोग उस अगुआ को स्वीकार करेंगे जो मेरी जगह आएगी और एक दिल और एक मन से उसके साथ मिलकर कार्य करेंगे।" जैसे ही उन्होनें मुझे इन वचनों को कहते हुए सुना, तो वहाँ मौज़ूद कुछ बहनों का चेहरा सफेद पड़ गया, और उनके चेहरों से मुस्कान गायब हो गई।

रविवार, 16 दिसंबर 2018

एक उड़ाऊपुत्र की वापसी

4. एक उड़ाऊपुत्र की वापसी

वांग सिन हार्बिन शहर
1999 में, मैं कलीसिया के कार्य की आवश्यकताओं के कारण एक अग्रणी बन गया। हालांकि शुरुआत में मुझे गहराई से महसूस हुआ कि मैं कार्य के योग्य नहीं था, कुछ समय बाद मेरे अभिमान और आत्म तुष्ट स्वभाव के कारण, मेरी प्रारंभिक सावधानी धीरे-धीरे स्वयं को उत्कर्षित करने और अपने बारे में गवाही देने में बदल गयी। मैं भोजन, कपड़े और मौज-मस्ती में लगा रहता था, और लालची बनकर अपनी हैसियत के मज़े ले रहा था। मैं परमेश्वर के साथ एक समान स्तर पर भी होना चाहता था। अंततः मुझे निकाल दिया और घर भेजा दिया गया। उसके बाद ही मैं जागरूक हुआ और मुझे एहसास हुआ कि "प्रतिष्ठा" ने मुझसे परमेश्वर और सच्चाई दोनों को छुड़वा दिया था; "प्रतिष्ठा" ने मुझसे अपना व्यक्तिगत राज्य स्थापित करवा दिया था; "प्रतिष्ठा" ने मुझे एक ईसा विरोधी में बदल दिया था; "प्रतिष्ठा" ने मुझे मृत्यु के मार्ग की ओर भेज दिया था। तब मुझे पता चला कि मैं सही मार्ग से बहुत दूर भटक गया था और बहुत गहरा गिर चुका था।

शनिवार, 15 दिसंबर 2018

ओहदा खोने के बाद ...

3. ओहदा खोने के बाद ...

हुईमीन जियाओजूओ शहर, हेनान प्रदेश
हर बार जब मैं किसी को बदले जाने और इस कारण उनके दुखी, कमजोर या रुष्ट होने और उनके अनुसरण न करने की घटना को देखती थी या इस बारे मेँ सुनती थी तो ऐसे लोगों के प्रति मेरे मन मेँ निरादर का भाव आ जाता था। मैं सोचती थी कि यह सब इससे अधिक कुछ नहीं है कि कलीसिया के अंतर्गत अलग-अलग लोगों के अलग-अलग कार्य कलाप हैं, यहाँ उच्च और निम्न मेँ कोई भेद नहीं है और हम सब परमेश्वर की संतति हैं तथा ऐसा कुछ भी नहीं है जिसको हम तुच्छ समझें। अत: मैं सोचती थी कि चाहें हम नए विश्वासियों की देख-रेख कर रहे हैं या किसी जनपद का नेतृत्व हमारे हाथ मेँ है; मैने कभी भी नहीं सोचा था कि मेरा पूरा ध्यान ओहदे पर ही केंर्दित था, क्या मै इस तरह की सोच वाली व्यक्ति थी। मैं असंख्य वर्षों तक यह मानने के लिए सहमत नहीं होती कि अपनी बदली होने पर मैं ऐसा कोई शर्मनाक व्यवहार करूंगी...।

शुक्रवार, 14 दिसंबर 2018

अपनी असलियत की सही पहचान

2. अपनी असलियत की सही पहचान

शाओशाओ शूझाऊ शहर, ज़िआंग्सु प्रांत
चर्च के काम-काज की आवश्यकताओं के कारण, मुझे अपने कर्तव्य के निर्वाह के लिए एक दूसरे स्थान पर भेजा गया था। उस समय, उक्त स्थान पर सुसमाचार का कार्य संतोषजनक स्थिति मेँ नहीं था और भाइयों और बहनों की स्थिति समान्यतया अच्छी नहीं थी। लेकिन चूंकि मुझे पवित्र आत्मा का सानिध्य प्राप्त था, प्रतिकूल अवस्था के बावजूद भी मैंने सभी सौंपे हुए कार्य को पूर्ण आत्मविश्वास के साथ हाथ मेँ लिया। सुपुर्द कार्य को स्वीकार करने के बाद, मैंने पूर्ण दायित्व बोध, सम्पूर्ण प्रबुद्धता का अनुभव किया और यह भी सोचा कि मुझमें पर्याप्त इच्छा शक्ति है। मुझे विश्वास था कि मैं समर्थ हूँ और इस दायित्व का निष्पादन भली भाँति कर सकती हूँ।

सदोम की भ्रष्टताः मुनष्यों को क्रोधित करने वाली, परमेश्वर के कोप को भड़काने वाली

सर्वप्रथम, आओ हम पवित्र शास्त्र के अनेक अंशों को देखें जो "परमेश्वर के द्वारा सदोम के विनाश" की व्याख्या करते हैं। (उत्पत्ति 19...