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बुधवार, 25 जुलाई 2018

अंतिम दिनों के मसीह के कथन "परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर III" (भाग आठ)



अंतिम दिनों के मसीह के कथन "परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर III" (भाग आठ)


सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "यद्यपि प्रभु यीशु पुनरूत्थित हो चुका था, फिर भी उसके हृदय और उसके कार्य ने मानव जाति को नहीं छोड़ा था। उसने अपने प्रकटीकरण से लोगों को बताया कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वह किस रूप में है, वह हर समय और हर जगह लोगों का साथ देगा, उनके साथ चलेगा, और उनके साथ रहेगा।
और वह हर समय और हर जगह मानव जाति के लिए प्रबन्ध करेगा और उनकी चरवाही करेगा, उन्हें अपने आप को देखने और छूने की अनुमति देगा, और यह निश्चित करेगा कि वे कभी असहाय महसूस ना करें। साथ ही प्रभु यीशु यह भी चाहता है कि लोग यह जानें: वे इस संसार में अकेले नहीं हैं। मानव जाति के पास परमेश्वर की देखरेख है, परमेश्वर उनके साथ है; लोग हमेशा परमेश्वर पर आसरा रख सकते हैं; वह अपने प्रत्येक अनुयायी का परिवार है। परमेश्वर पर आसरा रखने के लिए, मानव जाति आगे से अकेला या असहाय नहीं होगा, और जो उसे अपने पापबलि के रूप में स्वीकार करते हैं वे आगे से पाप के बन्धन में नहीं रहेंगे। मनुष्य की नज़रों में, उसके कार्य के ये भाग जिन्हें प्रभु यीशु ने अपने पुनरूत्थान के बाद किया था बहुत ही छोटी चीज़ें थीं, परन्तु जिस रीति से मैं उन्हें देखता हूँ, प्रत्येक छोटी से छोटी चीज़ भी बहुत अधिक अर्थपूर्ण थी, एवं बहुत अधिक मूल्यवान थी, और वे बहुत अधिक महत्वपूर्ण और वज़नदार थे।"

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