I
सत्य और जीवन के वचनों को सुनते हुए,
शायद तुम सोचो कि इन हजारों वचनों में से,
बाइबल और तुम्हारे विचारों से,
बस एक ही वचन मेल खाता है,
इस दस हजारवें वचन में खोजते रहो।
परमेश्वर सलाह देता है,
विनम्र बनो, न बनो अति-आत्मविश्वासी
स्वयं को ऊँचा न उठाओ।
जो तुम साफ़ कहे गये सत्य को स्वीकार न कर पाओ
तो क्या तुम परमेश्वर के उद्धार के अयोग्य नहीं?
परमेश्वर के सिंहासन के आगे लौट न पाओ,
क्या तुम ऐसे बदकिस्मत नहीं?
क्या तुम ऐसे बदकिस्मत नहीं?
II
परमेश्वर के प्रति ऐसी थोड़ी सी श्रद्धा रख कर भी,
तुम पाओगे रोशनी बड़ी, रोशनी बड़ी।
जो इन वचनों पर मनन करोगे,
तुम देख पाओगे कि ये सत्य और जीवन हैं या नहीं।
अंत के दिनों में झूठे मसीहाओं के कारण
आँखें मूंदे परमेश्वर के वचनों की निंदा न करो।
कहीं भटक न जाओ इस डर से,
पवित्रात्मा की ईशनिंदा न करो।
III
बहुत खोजने और जाँचने के बाद भी,
अगर लगता है तुम्हें अभी भी
कि ये वचन परमेश्वर की अभिव्यक्ति,
या सत्य और जीवन नहीं,
तो रहोगे तुम बिन आशीष के,
दंडित किये जाओगे निश्चय ही, निश्चय ही।
जो तुम साफ़ कहे गये सत्य को स्वीकार न कर पाओ
तो क्या तुम परमेश्वर के उद्धार के अयोग्य नहीं?
परमेश्वर के सिंहासन के आगे लौट न पाओ,
क्या तुम ऐसे बदकिस्मत नहीं?
क्या तुम ऐसे बदकिस्मत नहीं?
क्या तुम ऐसे बदकिस्मत नहीं?
"वचन देह में प्रकट होता है" से
चमकती पूर्वी बिजली, सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया का सृजन सर्वशक्तिमान परमेश्वर के प्रकट होने और उनका काम, परमेश्वर यीशु के दूसरे आगमन, अंतिम दिनों के मसीह की वजह से किया गया था। यह उन सभी लोगों से बना है जो अंतिम दिनों में सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कार्य को स्वीकार करते हैं और उसके वचनों के द्वारा जीते और बचाए जाते हैं। यह पूरी तरह से सर्वशक्तिमान परमेश्वर द्वारा व्यक्तिगत रूप से स्थापित किया गया था और चरवाहे के रूप में उन्हीं के द्वारा नेतृत्व किया जाता है। इसे निश्चित रूप से किसी मानव द्वारा नहीं बनाया गया था। मसीह ही सत्य, मार्ग और जीवन है। परमेश्वर की भेड़ परमेश्वर की आवाज़ सुनती है। जब तक आप सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचनों को पढ़ते हैं, आप देखेंगे कि परमेश्वर प्रकट हो गए हैं।
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