- I
- यदि तुम ईश्वर द्वारा पूर्ण किए जाना चाहते हो,
- बस सड़कों पर भटकते रहना काफ़ी नहीं है,
- न ही ईश्वर के लिए ख़ुद को खपाना।
- ईश्वर से पूर्ण होने के लिए तुममें बहुत कुछ होना चाहिए।
- जब तुम कष्ट सहते हो, देह की नहीं सोचनी चाहिए,
- न ईश्वर के ख़िलाफ़ शिकायत करनी चाहिए।
- जब ईश्वर ख़ुद को छिपाता है, तुम में अनुसरण करने का यक़ीं होना चाहिए,
- अपना प्यार बनाए रखना चाहिए, इसे मिटने या मरने मत दो।
- गर ईश्वर द्वारा उपयोग और पूर्ण किए जाना चाहते हो,
- तुम्हें हर चीज़ से सम्पन्न होना चाहिए:
- कष्ट सहने की इच्छा, विश्वास और धैर्य,
- आज्ञाकारिता, ईश्वर के कार्य का अनुभव,
- उसकी इच्छा समझना, उसकी व्यथा को विचारना।
- तुम्हारे शुद्धिकरण के अनुभव को
- तुम्हारे विश्वास और प्यार की ज़रूरत है।
- II
- फ़र्क़ नहीं पड़ता ईश्वर क्या करता, तुम्हें स्वीकारनी चाहिए योजना उसकी।
- उसके ख़िलाफ़ शिकायत की अपेक्षा देह को धिक्कारो।
- परीक्षणों में ईश्वर को संतुष्ट करो,
- भले तुम रोते या प्यारी चीज़ खोते हो।
- ये सच्चा प्यार और विश्वास है।
- क़द-काठी से फ़र्क़ नहीं पड़ता, तुम में कष्ट सहने की,
- देह से मुँह मोड़ने की इच्छा और सच्चा विश्वास होना चाहिए।
- तैयार रहना चाहिए तुम्हें दर्द और नुकसान उठाने के लिए
- ईश्वर की इच्छा पूरी करने के लिए।
- तुम्हारे पास पछताने को दिल होना चाहिए
- कि तुम अतीत में ईश्वर को संतुष्ट नहीं कर पाए थे।
- कोई कमी नहीं रह सकती, ऐसे ईश्वर तुम्हें पूर्ण कर सकता है।
- गर तुम्हारे पास ये सब नहीं है, तुम पूर्ण नहीं किए जा सकते।
- गर ईश्वर द्वारा उपयोग और पूर्ण किए जाना चाहते हो,
- तुम्हें हर चीज़ से सम्पन्न होना चाहिए:
- कष्ट सहने की इच्छा, विश्वास और धैर्य,
- आज्ञाकारिता, ईश्वर के कार्य का अनुभव,
- उसकी इच्छा समझना, उसकी व्यथा को विचारना।
- तुम्हारे शुद्धिकरण के अनुभव को
- तुम्हारे विश्वास और प्यार की ज़रूरत है।
- "वचन देह में प्रकट होता है" से
चमकती पूर्वी बिजली, सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया का सृजन सर्वशक्तिमान परमेश्वर के प्रकट होने और उनका काम, परमेश्वर यीशु के दूसरे आगमन, अंतिम दिनों के मसीह की वजह से किया गया था। यह उन सभी लोगों से बना है जो अंतिम दिनों में सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कार्य को स्वीकार करते हैं और उसके वचनों के द्वारा जीते और बचाए जाते हैं। यह पूरी तरह से सर्वशक्तिमान परमेश्वर द्वारा व्यक्तिगत रूप से स्थापित किया गया था और चरवाहे के रूप में उन्हीं के द्वारा नेतृत्व किया जाता है। इसे निश्चित रूप से किसी मानव द्वारा नहीं बनाया गया था। मसीह ही सत्य, मार्ग और जीवन है। परमेश्वर की भेड़ परमेश्वर की आवाज़ सुनती है। जब तक आप सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचनों को पढ़ते हैं, आप देखेंगे कि परमेश्वर प्रकट हो गए हैं।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें