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शनिवार, 14 जुलाई 2018

तुझे अपने भविष्य मिशन से कैसे निपटना चाहिए




सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "तुझे अपने भविष्य मिशन से कैसे निपटना चाहिए"

सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "क्या तूने कभी सोचा है कि परमेश्वर का हृदय कितना व्याकुल और चिंतित है? जिसे उसने अपने हाथों से रचा उस निर्दोष मानव जाति को ऐसी पीड़ा में दुख उठाते हुए देखकर वह कैसे सह सकता है? वैसे भी मानव जाति तो वह दुर्भाग्यशाली है जिस पर विष प्रयोग किया गया है। यद्यपि वे आज के दिन तक जीवित हैं, कौन यह सोच सकता था कि उन्हें लंबे समय से उस दुष्टात्मा द्वारा विष दिया गया है? क्या तू भूल चुका है कि तू शिकार हुए लोगों मे से एक है? परमेश्वर के लिए अपने प्रेम के खातिर, क्या तू उन्हें बचाने को इच्छुक नहीं है जो जीवित बच गए हैं? क्या तू उस परमेश्वर को कीमत चुकाने हेतु अपना सारा जोर लगाने के लिए इच्छुक नहीं है जो मनुष्य को अपने शरीर और लहू के समान प्रेम करता है? तू एक असाधारण जीवन व्यतित करने के लिए परमेश्वर द्वारा प्रयोग में लाए जाने की कैसे व्याख्या करता है? क्या सच में तुझमें एक धार्मिक, परमेश्वर की सेवा करने वाले, एक अर्थपूर्ण जीवन यापन करने का सकंल्प और विश्वास है?"

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